पंजाब दस्तक(सुरेन्द्र राणा); पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यह घोषणा कर मास्टर स्ट्रोक लगा दिया कि अब राज्य में पूर्व विधायकों को सिर्फ एक बार एमएलए बनने की पेंशन मिलेगी। पूर्व विधायकों को मिलने वाले कई दूसरे भत्तों में भी कटौती करने की बात कही गई है।
इस फैसले के बाद पड़ोसी राज्य, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, मान के इस स्ट्रोक से मुश्किल में पड़ गए हैं। उनके हाथ में कैंची तो है, मगर वे अपनी मर्जी से उसे चला नहीं सकते। इसके लिए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से बात करनी होगी। वहां से मंजूरी मिले बिना, मनोहर लाल इस दिशा में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा सकते। दूसरी तरफ जनता आप के इस फैसले की खूब तारीफ कर रही है जिससे बीजेपी को काफी मुश्किल होने वाली है।
चूंकि, हरियाणा, पंजाब से लगता हुआ राज्य है, इसलिए यहां पर उस फैसले की ज्यादा चर्चा सुनाई पड़ रही है। 2024 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए आम आदमी पार्टी ने हरियाणा में लोगों को जोड़ना शुरू कर दिया है। पूर्व विधायकों सहित खेलों से जुड़े लोग भी ‘आप’ में शामिल हो रहे हैं। अन्य क्षेत्रों में विशेषज्ञ रहे लोगों से भी संपर्क किया जा रहा है। सीएम भगवंत मान का कहना था, कुछ विधायक तो ऐसे हैं जो कई बार विधायक बनने के बाद चुनाव हार गए हैं। उन्हें भी पेंशन मिल रही है। कई विधायक तो ऐसे हैं, जिनकी मासिक पेंशन चार-पांच लाख रुपये से ज्यादा है। अब उन्हें एक ही टर्म की पेंशन मिलेगी। अगर कोई नेता विधायक और सांसद की पेंशन एक साथ ले रहा है, तो उसे केवल एक ही पेंशन का लाभ दिया जाएगा।
चार साल पहले तक हरियाणा में 262 पूर्व विधायकों को पेंशन मिलती रही है। इसके बाद पेंशन में बढ़ोतरी भी हुई है। पूर्व सीएम ओपी चौटाला को लगभग सवा दो लाख रुपये पेंशन मिलती है। कांग्रेस नेता एवं पूर्व विधायक कैप्टन अजय सिंह यादव की मासिक पेंशन 2.38 लाख रुपये है। आरटीआई कार्यकर्ता पीपी कपूर ने हरियाणा सरकार से 2018 में यह जानकारी मांगी थी। पूर्व विधायक चंद्रावती को 2,22,525 रुपये, एलनाबाद के पूर्व विधायक भागीराम 1,91,475 रुपये, शमशेर सिंह सुरजेवाला 1,75,950 रुपये, अशोक अरोड़ा 1,60,425 रुपये, प्रो सम्पत सिंह 2,14,763 रुपये, हरमोहिंद्र सिंह चट्ठा 1,60,425 रुपये और पूर्व सीएम स्वर्गीय भजनलाल के पुत्र चन्द्रमोहन को बिश्नोई 1,52,663 रुपये बतौर मासिक पेंशन मिलते हैं।
इनके अलावा धर्मवीर गाबा को 1,52, 663 रुपये, खुर्शीद अहमद 1,52,663 रुपये, फूलचंद मुलाना 1,68,188 रुपये, मांगेराम गुप्ता 1,68,188 रुपये, शकुंतला भगवाडिया 1,68,188 रुपये, बलबीरपाल शाह 2,07,000 रुपये, सतबीर कादियान 1,29,375 रुपये, स्वामी अग्रिवेश 51,750 रुपये ‘तत्कालीन अवधि के दौरान’ अब उनका देहांत हो चुका है। शारदा रानी को 1,37,138 रुपये, देवीदास सोनीपत 1,21,613 रुपये, दिल्लू राम कैथल 1,13,850 रुपये, कमला वर्मा 1,13,850 रुपये, निर्मल सिंह अंबाला 1,52,663 रुपये, मोहम्मद इलयास 1,37,138 रुपये और कंवल सिंह हिसार को 1,21,613 रुपये मासिक पेंशन मिलती रही है। इस पेंशन में करीब 200 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। तब प्रदेश में न्यूनतम मासिक पेंशन 51,750 रुपये रही है।
39 पूर्व विधायकों को 90,543 रुपये प्रति माह पेंशन मिल रही है। इनमें अजय चौटाला भी शामिल हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल की विधवा जसमा देवी को दोगुनी पेंशन मिल रही है। खुद पूर्व विधायक होने के नाते जसमा देवी को 51,750 रुपये प्रतिमाह तथा पूर्व मुख्यमंत्री की विधवा होने के नाते 99,619 रुपये प्रतिमाह पारिवारिक पेंशन मिल रही है।
2019 में विधानसभा चुनाव हार चुके भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि पूर्व विधायकों की पेंशन कटौती जैसे फैसले की लोगों के बीच चर्चा हो रही है। लोगों ने उसे सराहनीय फैसला बताया है। हरियाणा में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा कह चुके हैं कि प्रदेश में आगामी सरकार कांग्रेस की बनती है, तो सरकारी कर्मियों की पुरानी पेंशन दोबारा शुरू की जाएगी। यह बात सरकारी कर्मियों पर असर कर रही है। सीएम मनोहर लाल इस मामले में घिरते हुए दिखाई पड़ रहे हैं।
वे अपने दम पर फैसला नहीं ले सकते। वजह, भाजपा को कोई दो-तीन राज्यों के लिए यह फैसला नहीं लेना है, बल्कि जहां भी उसकी सरकार है, वहां पर उसे इस बारे में सोचना होगा। उक्त भाजपा नेता का कहना है कि केंद्र सरकार तो अभी तक पुरानी पेंशन पर भी आश्वासन देने को तैयार नहीं है। पूर्व विधायकों की पेंशन को लेकर भी सरकार में कोई सोच-विचार नहीं हो रहा। प्रदेश में अभी यह फैसला लागू होने की उम्मीद कम है। प्रदेश में दबंग आईएएस कहे जाने वाले अशोक खेमका ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के पूर्व विधायकों की पेंशन में कटौती के फैसले की तारीफ कर दी है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, क्या दूसरे प्रदेशों के विधानमंडल और संसद भी इसका अनुसरण करेंगे। अशोक खेमका के बारे में ऐसी चर्चाएं हैं कि 2024 के विधानसभा चुनाव में ‘आप’ उन्हें आगे ला सकती है। हालांकि वे 30 अप्रैल 2025 में रिटायर होंगे।
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