पंजाब दस्तक: लाहाैल-स्पीति में तीन साल के बच्चे पर छह-सात लावारिस कुत्ते टूट पड़े तो मां भी जिगर के टुकड़े की जान बचाने के लिए उनसे भिड़ गई, लेकिन भूखे कुत्तों के आगे मां की ममता हार गई।
हिमाचल प्रदेश के लाहाैल-स्पीति में तीन साल के बच्चे पर छह-सात लावारिस कुत्ते टूट पड़े तो मां भी जिगर के टुकड़े की जान बचाने के लिए उनसे भिड़ गई, लेकिन भूखे कुत्तों के आगे मां की ममता हार गई। जब तक मां ने बच्चे को कुत्तों से छुड़ाया, तब तक काफी देर हो चुकी थी। लावारिस कुत्तों के हमले में बच्चे की आंतें भी पेट से बाहर निकल गई थीं। सिर और पैर भी बुरी तरह से नोच लिए थे। आंखों के सामने सारा मंजर देखा, लेकिन लाडले की जान नहीं बचा पाई। मां का रो-रोकर बुरा हाल है। लाहौल घाटी के लोअर सुमनम गांव में हुई इस घटना से हर किसी की आंख नम है। इस घटना के बाद लाहौल-स्पीति जिले के लोग खौफजदा हैं।
तांदी पंचायत के प्रधान विरेंद्र कुमार ने बताया कि मृतक मासूम कुंजन की मां कमला और पिता काली बहादुर सीमा सड़क संगठन (94 आरसीसी) में मजदूरी करते हैं। वे अक्तूबर से लोअर सुमनम गांव में रह रहे हैं। यह घटना शुक्रवार शाम को करीब 4:15 बजे हुई। कुंजन दो अन्य बच्चों के साथ खेल रहा था। इस बीच, छह-सात लावारिस कुत्तों के झुंड ने उस पर हमला कर दिया। बच्चे की मां थोड़ी दूर लकड़ियां इकट्ठा कर रही थीं। बच्चे की जान बचाने के लिए वह कुत्तों से भिड़ गई। बड़ी मशक्कत के बाद बच्चे को छुड़वाया, लेकिन तब तक बच्चे की हालात नाजुक हो चुकी थी। उन्होंने घायल बच्चे को गांव के दो अन्य लोगों की मदद से क्षेत्रीय अस्पताल केलांग पहुंचाया। यहां उसने दम तोड़ दिया। पुलिस उप अधीक्षक राज कुमार ने बताया कि शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है।
विधायक ने ये कहा
आपदा प्रबंधन ने मृतक बच्चे के परिवार को चार लाख की मुआवजा राशि देने के प्रशासन को निर्देश दिए हैं। पशुपालन विभाग को स्थानीय पंचायत की मदद से कुत्तों की नसबंदी के लिए शिविर लगाने के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने बच्चे की मौत पर शोक जताया। प्रभावित परिवार की हरसंभव मदद की जाएगी।
– अनुराधा राणा, विधायक
लाहौल स्पीति ही नहीं हिमाचल प्रदेश के हर क्षेत्र में ऐसा ही हाल है। शिमला के रिज और माल रोड पर हर रोज आवारा कुत्ते किसी न किसी को अपना शिकार बनाते हैं नगर निगम और सरकारे लगातार कुत्तों और बंदरों के आतंक को कम करने की बात करती है लेकिन अभी तक इनसे निजात नहीं मिल पाया है।