नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के एक कार्यक्रम में इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज जस्टिस शेखर कुमार यादव द्वारा दिए गए विवादित बयान पर बवाल हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस बयान का संज्ञान लिया है और मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट से विस्तृत जानकारी मांगी गई है।
सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान लेने से पहले न्यायिक जवाबदेही और सुधार अभियान (सीजेएआर) ने भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव के खिलाफ आंतरिक जांच की मांग की।
वकील और गैर सरकारी संगठन न्यायिक जवाबदेही और सुधार अभियान (सीजेएआर) के संयोजक प्रशांत भूषण ने जस्टिस यादव पर न्यायिक नैतिकता का उल्लंघन करने और निष्पक्षता तथा धर्मनिरपेक्षता के संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।
न्यायमूर्ति यादव ने कथित तौर पर बहुसंख्यक समुदाय के पक्ष में टिप्पणी की। इसमें उन्होंने जोर देकर कहा कि हिंदुस्तान बहुसंख्यकों की इच्छा के अनुसार काम करेगा और सुझाव दिया कि कानून बहुसंख्यकों के हितों के अनुरूप हो।