न्यूयार्क: भारत के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) का स्थायी मेंबर बनने की उम्मीदें बढ़ती नजर आ रही हैं। फ्रांस और अमरीका के बाद ब्रिटेन ने भी भारत को यूएनएससी की स्थायी सदस्यता देने का समर्थन किया है। इस तरह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता की नई दिल्ली की दावेदारी काफी मजबूत हुई है। अब रास्ते में सिर्फ ‘चीन की दीवार’ ही बाधा है। यूएनएससी के पांच स्थायी सदस्यों में सिर्फ चीन ही है, जो भारत की दावेदारी के समर्थन में नहीं है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने यूएनएससी में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब दुनिया के बड़े नेता संयुक्त राष्ट्र में सुधार की मांग कर रहे हैं।
कीर स्टार्मर ने कहा कि यूएनएससी का चार्टर 1945 में बना था। इसे करीब आठ दशक पहले की वैश्विक स्थिति के हिसाब से तैयार किया गया था, जबकि आज का ग्लोबल सिनेरियो काफी बदल चुका है। स्टारमर ने कहा कि यूएन सुरक्षा परिषद में और ज्यादा सदस्यों को शामिल किया जाना चाहिए, ताकि यह वैश्विक मुद्दों पर सही तरीके से काम कर सके। कीर स्टारमर ने कहा कि यूएनएससी में अफ्रीकी देशों, भारत, जापान, जर्मनी, और ब्राजील जैसे देशों को स्थायी सदस्यता दी जानी चाहिए।