धर्मशाला(सुरेन्द्र राणा) हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन भी विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा किया। नियम 67  के तहत सदन में करुणामूलक आश्रितों , भर्तियों को लेकर स्थगन प्रस्ताव लाया और चर्चा की मांग की लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने इसकी अनुमति नहीं दी जिसके बाद विपक्ष ने सदन में ही हंगामा शुरू कर दिया और सदन के बीच मे  नारेबाजी शुरू कर दी।

करीब आधे घंटे तक विपक्ष सदन में ही नारेबाजी करता रहा और जिसके बाद वाकआउट कर सदन से बाहर आ गए विपक्ष ने सरकार पर अपने चहेतों को चोर दरवाजे से नौकरियां देने के आरोप लगाए साथ ही मुख्यमंत्री के सदन में ना होने पर भी हंगामा किया।

कांग्रेस के विधायक और पूर्व मंत्री रामलाल ठाकुर ने कहा कि करुणामूल्क आश्रित अनशन पे बेठे है और सरकार कोई सुध नही ले रही है। वही चोर दरवाजे से मुख्यमंत्री पांच हजार पद भर रहे है। प्रदेश में 14 लाख बेरोजगारी का आंकड़ा पहुच गया है और ये सरकार अपने चहेतों को ही नौकरी देने में लगे है। वही पुलिस के जवानो की भावनाओं के साथ ये सरकार खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने कहा कि इस सरकार में न्याय के बारे में सोच भी नही सकते है। मुख्यमंत्री अपनी कुर्सी बचाने के साथ देवी देवताओं को मनाने के साथ दिल्ली के चक्कर काट रहे है।

विधानसभा के सत्र को बीच मे छोड़ कर ऐसी क्या मजबूरी थी कि उन्हें जाना पड़ा और इसके बारे में सदन में जानकारी तक नही दी। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों को लेकर सदन में कांग्रेस द्वारा स्थगन प्रस्ताव लाया गया था और चर्चा की मांग की गई लेकिन विधानसभा अध्यक्ष द्वारा चर्चा का समय नही दिया। उन्होने आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष भगवा का पट्टका पहन कर आते है और खुद को आर आर एस का बताते है उसे में उनसे उम्मीद नही की जा सकती है।

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