शिमला, सुरेंद्र राणा: हिमाचल सीमेंट फैक्ट्री विवाद और गहरा गया है, क्योंकि अडानी ग्रुप ने अपने बंद सीमेंट प्लांट खोलने से इनकार कर दिया है। साथ ही ग्रुप ने सुक्खू सरकार द्वारा प्रस्तावित मालभाड़े के रेट मानने से भी मना कर दिया है। यह देखते हुए किसानों ने भी आरपार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है।
ऐसे में दोनों पक्षों के बीच करीब 8 महीने से चले आ रहे गतिरोध को तोड़ने में सरकार भी नाकाम रही है। गतिरोध को तोड़ने के लिए सरकारी स्तर पर 15 दौर की बैठकें हुईं, जो सभी बेनतीजा रहीं । कंपनी पहले ही कह चुकी है कि वह डबल डिजिट में मालभाड़ा देने को तैयार नही है।
15 दिसंबर से बंद पड़ी हैं 2 सीमेंट फैक्ट्री प्रदेश में पिछले 1 महीने से भी ज्यादा का समय हो गया है, ACC बरमाणा और अंबुजा सीमेंट फैक्ट्री में ताले लगे हुए। यह दोनों सीमेंट फैक्ट्री 15 दिसंबर से बंद हैं। इससे 35 हजार परिवारों की रोजी-रोटी पर असर पड़ा है। विवाद सुलझाने में राज्य सरकार मध्यस्थता की भूमिका निभा रही है, लेकिन इस गतिरोध को तोड़ने में सरकार को कामयाबी नहीं मिल रही है। इसका नुकसान राज्य सरकार को भी झेलना पड़ रहा है। सीमेंट फैक्ट्री के बंद होने से हिमाचल को अब तक करीब 90 करोड़ रुपए तक का नुकसान हो चुका है।