शिमला, सुरेन्द्र राणा: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने चिट्टा तस्करी के आरोप में जेल में बंद आरोपियों को जमानत देने पर सख्त रुख अपनाया है। अदालत के अनुसार अगर चिट्टे के धंधे में संलिप्त लोगों को जमानत पर जल्द छोड़ा जाएगा तो समाज में गलत संदेश जाएगा। न्यायाधीश संदीप शर्मा की अदालत ने निचली अदालत को कहा कि जिन आरोपियों की चिट्टा मामले में जमानत नहीं हुई है, उन मामलों की सुनवाई को प्राथमिकता में लें। अदालतें ट्रायल में देरी न करें और समयसीमा के अंदर फैसला सुना दें।
हाईकोर्ट ने तीन अलग-अलग मामलों में आरोपियों को जमानत देने से इन्कार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया। न्यायाधीश संदीप शर्मा की अदालत ने तीन अलग-अलग मामलों को खारिज करते हुए यह फैसला दिया है। पहला मामला बंजार जिला कुल्लू का है। पुलिस ने आरोपी छोटू लाल से 3 किलोग्राम चरस को बरामद किया। पुलिस ने एनडीपीएस की धारा 20 के तहत एफआईआर दर्ज की और आरोपी को गिरफ्तार किया। आरोपी दिसबंर 2023 के बाद से जेल में बंद है। पुलिस ने इस मामले में कोर्ट में चालान पेश कर दिया है।
आरोपी ने यह कहते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी कि वह एक साल से जेल में बंद है। इस आधार पर उसे जमानत दे दी जाए। दूसरा मामला जिला कुल्लू के भुंतर का है। पुलिस ने आरोपी ज्ञानचंद से 1.302 किलोग्राम चरस बरामद की। पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट की धारा 20 और 29 के तहत एफआईआर दर्ज की और आरोपी को गिरफ्तार किया।
जनवरी 2024 से आरोपी जेल में बंद है। तीसरा मामला पुलिस सदर शिमला का है। पुलिस ने आरोपी संतोष कुमार से 7.98 ग्राम चिट्टा बरामद किया। आरोपी अप्रैल 2024 से जेल में बंद है। पुलिस ने एनडीपीएस की धारा 20 और 29 के तहत एफआईआर दर्ज की और आरोपी को गिरफ्तार किया। जनवरी 2024 से आरोपी जेल में बंद है। कोर्ट ने इन तीनों मामलों में आरोपियों की जमानत खारिज की और ट्रायल कोर्ट को ऐसे मामलों मे जल्दी से जल्दी सुनवाई करने के आदेश दिए हैं।