जून में हुई थी स्टारशिप की सफल टेस्टिंग
इससे पहले मार्च में मस्क ने कहा था कि अगले पांच साल के अंदर बिना कू्र के स्टारशिप को मार्स पर लैंड कराया जाएगा। इसके बाद और 2 साल के अंदर हम मंगल पर इनसानों को भेज देंगे। फिर तीन बार फेल होने के बाद जून में स्टारशिप रॉकेट की सफल टेस्टिंग की गई थी। इस दौरान स्टारशिप को स्पेस में ले जाने के बाद वापस पृथ्वी पर लाया गया और हिंद महासागर में कामयाब लैंडिंग कराई गई थी। टेस्ट का मकसद यह देखना था कि स्टारशिप पृथ्वी के वातावरण में एंट्री के दौरान सर्वाइव कर पाता है या नहीं।
100 साल में पृथ्वी पर होगा लाइफ एंडिंग इवेंट
स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट और सुपर हैवी बूस्टर को कलेक्टिवली ‘स्टारशिप’ कहा जाता है। इस व्हीकल की ऊंचाई 397 फीट है। यह पूरी तरह से रीयूजेबल है और 150 मीट्रिक टन भार ले जाने में सक्षम है। स्टारशिप सिस्टम 100 लोगों को एक साथ मंगल ग्रह पर ले जा सकेगा। मंगल ग्रह पर कॉलोनी बसाने की जरूरत पर एलन मस्क कहते हैं कि पृथ्वी पर एक लाइफ एंडिंग इवेंट मानवता के अंत का कारण बन सकता है, लेकिन अगर हम मंगल ग्रह पर अपना बेस बना लेंगे तो मानवता वहां जीवित रह सकती है। करोड़ों साल पहले पृथ्वी पर डायनासोर का भी अंत एक लाइफ एंडिंग इवेंट के कारण ही हुआ था। वहीं, प्रोफेसर स्टीफन हॉकिंग ने भी 2017 में कहा था कि अगर इनसानों को सर्वाइव करना है, तो उन्हें 100 साल के भीतर विस्तार करना होगा।
एक घंटे के अंदर दुनिया के किसी भी कोने में
एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने स्टारशिप रॉकेट को बनाया है।ये लॉन्चिंग इसलिए अहम है, क्योंकि ये स्पेसशिप ही इनसानों को इंटरप्लेनेटरी बनाएगा। यानी इसकी मदद से पहली बार कोई इनसान पृथ्वी के अलावा किसी दूसरे ग्रह पर कदम रखेगा। मस्क 2029 तक इनसानों को मंगल ग्रह पर पहुंचाकर वहां कॉलोनी बसाना चाहते हैं। स्पेसशिप इनसानों को दुनिया के किसी भी कोने में एक घंटे से कम समय में पहुंचाने में भी सक्षम होगा।