शिमला, सुरेंद्र राणा: हिमाचल प्रदेश में दल-बदल के कारण अयोग्य घोषित पूर्व विधायकों की पेंशन बंद करने की तैयारी है। पेंशन के अधिकार से वंचित होने पर पूर्व विधायकों से पिछली रकम की भी वसूली होगी। दल-बदल को हतोत्साहित करने के लिए बुधवार को हिमाचल विधानसभा में विधानसभा सदस्यों के भत्ते और पेंशन विधेयक पास हुआ। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंगलवार को विधानसभा में यह संशोधन विधेयक पेश किया। विधेयक सदन में बुधवार को चर्चा के बाद पास किया गया।
विधेयक पारित के बाद अब राज्यपाल से मंजूरी के बाद यह कानून का रूप ले लेगा। इसमें व्यवस्था की गई है कि किसी बात के प्रतिकूल होते हुए भी कोई व्यक्ति अधिनियम के अंतर्गत पेंशन का हकदार नहीं होगा, यदि उसे संविधान की दसवीं अनुसूची के अधीन किसी भी समय अयोग्य घोषित किया गया है। यदि कोई व्यक्ति इस उपधारा के अधीन पेंशन के अधिकार से वंचित हो जाता है तो उसकी ओर से पहले से ली गई पेंशन ऐसी रीति से वसूली जाएगी, जैसे निर्धारित किया जाएगा।
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