शिमला, सुरेंद्र राणा: आखिर 77 दिन के लंबे शेड्यूल के बाद लोकसभा चुनाव अपने आखिरी पड़ाव पर है। हिमाचल ने इन चुनावों के लिए सबसे लंबा इंतजार किया है। प्रदेश में पहली जून यानी शनिवार को मतदान होगा। प्रदेश में इस बार 14 मई तक पंजीकृत हुए मतदाताओं को ही वोट डालने का अधिकार मिल पाएगा।
प्रदेश में 57 लाख 11 हजार 969 कुल मतदाता पंजीकृत हैं। निर्वाचन विभाग ने इस बार 80 फीसदी से मतदान का लक्ष्य तय किया है। राहत की बात यह है कि 12 डी के तहत जारी हुए आवेदनों के तहत पंजीकृत मतदाताओं का मत प्रतिशत अभी तक 98 फीसदी तक दर्ज हो चुका है। गौरतलब है कि देश में 16 मार्च को आदर्श आचार संहिता लागू हुई थी और हिमाचल में अंतिम चरण में मतदान तय किया गया था। प्रदेश में तय अवधि के दौरान 57 लाख 11 हजार 969 कुल मतदाता पंजीकृत हुए हैं। इनमें 28 लाख 48 हजार 301 पुरुष, जबकि 27 लाख 97 हजार 209 महिला मतदाता और 35 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं।
इस बार 34 विदेशी मतदाताओं को भी मताधिकार के इस्तेमाल का अवसर मिला है। वहीं, केंद्रीय सेवाओं में तैनात 66 हजार 390 सर्विस वोटर्ज भी इस बार मतदान करने जा रहे हैं। इनमें सबसे बड़ी संख्या 64 हजार 749 पुरुष और 1641 महिला मतदाता शामिल हैं। निर्वाचन विभाग ने इन मतदाताओं के लिए प्रदेश में आठ हजार से ज्यादा ईवीएम और वीपीपैट मशीनों का प्रबंध किया है। प्रदेश में करीब 8000 मतदान केंद्र हैं। इन केंद्रों में एक ईवीएम और एक वीवीपैट मशीन स्थापित होंगी। वहीं धर्मशाला, सुजानपुर, बड़सर, गगरेट, कुटलैहड़ और लाहुल-स्पीति में विधानसभा के लिए अलग मशीनें रखी जाएंगी। मतदान के बाद परिणाम चार जून को निकलने वाले हैं और तक ईवीएम को कड़े पहरे में रखा जाएगा।