आईआईटी मद्रास-इनक्यूबेटिड स्टार्ट अप अग्निकुल कॉसमॉस ने गुरुवार सुबह सवा सात बजे श्रीहरिकोटा में अपने निजी लांच पैड पर सिंगल पीस थ्री-डायमेंशनल (3डी) प्रिंटेड इंजन वाला दुनिया का पहला रॉकेट प्रक्षेपित किया। यह उल्लेखनीय उपलब्धि पूरी तरह से स्वदेशी डिजाइन और विकास के माध्यम से हासिल की गई है। इस अवसर पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डा. एस सोमनाथ, आईएन एसपीएसीई के अध्यक्ष डा. पवन गोयनका, तकनीकी निदेशक राजीव ज्योति और एसएचएआर के निदेशक ए राज राजन मौजूद थे। ‘अग्निबाण- एसओआर टीईडी’ सब-ऑर्बिटल टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर को अग्निकुल द्वारा स्थापित भारत के पहले निजी लांच पैड ‘धनुष’ से प्रक्षेपित होने का अनूठा गौरव भी प्राप्त है। यह भारत का पहला अद्र्धक्रायोजेनिक इंजन-संचालित रॉकेट प्रक्षेपण भी है। ‘अग्निबाण’ मिशन का मुख्य उद्देश्य, जो अग्निकुल की पहली उड़ान भी है, एक परीक्षण उड़ान के रूप में काम करना, घरेलू और घरेलू प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन करना, महत्त्वपूर्ण उड़ान डाटा इक_ा करना और अग्निकुल के कक्षीय प्रक्षेपण यान के लिए सिस्टम की इष्टतम कार्यप्रणाली सुनिश्चित करना है।
इस उपलब्धि के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए बधाई दी है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि एक उल्लेखनीय उपलब्धि जिस पर पूरे देश को गर्व होगा! दुनिया के पहले सिंगल-पीस 3डी प्रिंटेड सेमी-क्रायोजेनिक इंजन द्वारा संचालित अग्निबाण रॉकेट का सफल प्रक्षेपण भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एक महत्त्वपूर्ण अवसर है और हमारी युवा शक्ति की उल्लेखनीय प्रतिभा का प्रमाण है। अग्निकुल कॉसमॉस टीम को मेरी शुभकामनाएं। 22 मार्च के बाद से अग्निकुल की तरफ से अग्निबाण सब-ऑर्बिटल टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर लांच करने की ये पांचवीं कोशिश थी। कंपनी के अनुसार, अग्निबाण एक कस्टामाइजेबल, दो स्टेज वाल लांच व्हीकल है, जो 300 किलोग्राम तक का पेलोड लगभग 700 किलोमीटर के ऑर्बिट में ले जा सकता है।
नहीं मानी हार, पांचवें प्रयास में पाई सफलता
इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर के अध्यक्ष पवन गोयनका ने कहा कि अग्निकुल कॉसमॉस की ओर से अग्निबाण के सफल प्रक्षेपण से बहुत खुश हूं। ये भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक क्षण है। ये उपलब्धि हमारे युवा इनोवेटर्स की प्रतिभा को दर्शाती है। 22 मार्च के बाद से अग्निकुल की ओर से अग्निबाण सब-ऑर्बिटल टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेटर (एसओआरटीईडी) को लॉन्च करने के लिए ये पांचवां प्रयास किया गया, जिसमें सफलता हाथ लग गई।