पंजाब दस्तक(सुरेन्द्र राणा);  संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने एक साल के लंबे प्रोटेस्ट के बाद आखिरकार अपने आंदोलन कल बृहस्पतिवार को वापस ले लिया. केंद्र सरकार द्वारा किसानों के सभी मांग मानने के बाद किसानों ने अपने आंदोलन को वापस लेने का फैसला किया. राजस्थान के किसान आज ही अलवर-शाहजहांपुर बॉर्डर से हटेंगे. किसानों के हटने के बाद आज एक साल के बाद दिल्ली-जयपुर हाईवे खुलने वाला है.

संयुक्त किसान मोर्चा के राजस्थान विंग ने बताया कि शुक्रवार को सुबह जनरल मीटिंग के बाद मोर्चा शाहजहांपुर-कीड़ा बॉर्डर से हटेगा. एक साल तक चले इस सफल आंदोलन के बाद किसानों ने इसका फैसला किया है. संयुक्त किसान मोर्चा बॉर्डर से हटने के बाद गांव-गांव किसान आंदोलन सफल बनाने के लिए किसानों का धन्यवाद करने का एक कैंपन चलाएगा.

सरकार के प्रस्ताव पर मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा की असहमतियों के बाद बुधवार को केंद्र सरकार ने नया प्रस्ताव भेजा था. आंदोलन खत्म करवाने के दबाव के तहत केंद्र सरकार ने नए मसौदे में प्रदर्शनकारियों पर से तत्काल केस वापसी के साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी कमिटी को लेकर सरकार ने स्पष्ट किया कि यह कमिटी तय करेगी कि सभी किसानों को एमएसपी मिलना किस तरह सुनिश्चित किया जाए. मुआवजे को लेकर सहमति जताते हुए बिजली बिल को लेकर कहा गया कि संसद में लाने से पहले संयुक्त किसान मोर्चा से चर्चा की जाएगी.

सरकार के नए प्रस्ताव पर पहले संयुक्त किसान मोर्चा की पांच नेताओं की कमिटी ने नई दिल्ली में बैठक की और फिर सिंघु बॉर्डर पर मोर्चा की बड़ी बैठक में प्रस्ताव को मंजूर कर लिया गया. सहमति का एलान करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि सरकार द्वारा प्रस्ताव को लेकर आधिकारिक एलान करने के बाद धरना खत्म करने का एलान किया है.

हालांकि MSP पर गारंटी के लिए किसानों का संघर्ष अभी भी जारी रहेगी. इसके लिए किसान 15 जनवरी को दिल्ली में एक मीटिंग भी करेगी जहां आगे की रणनीति तय की जाएगी.

 

 

 

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