पंजाब दस्तक(सुरेंद्र राणा); किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार पर उसकी अनदेखी करने का आरोप लगाया है। खेती कानून वापस होने के बाद SKM ने न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित दूसरे मुद्दों पर वार्ता के लिए जो 5 मेंबरी कमेटी बनाई थी। जिसे केंद्र सरकार की तरफ से बातचीत का कोई निमंत्रण नहीं मिला। ऐसे में कमेटी मेंबरों ने सोमवार को कुंडली बॉर्डर पर इमरजेंसी मीटिंग कर आंदोलन को तेज करने का फैसला लिया है। कमेटी ने चेतावनी दी कि अगर सरकार का यही रवैया रहा तो किसान दिल्ली कूच का फैसला ले सकते हैं।
कानून वापस लिए जाने के बाद MSP, किसानों पर दर्ज केस, जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों के मुआवजे सहित दूसरे पेंडिंग मुद्दों पर केंद्र और राज्य सरकारों से बातचीत के लिए SKM ने 4 दिसंबर को बैठक करके 5 मेंबरी कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी ने दो दिन सरकार के निमंत्रण का इंतजार किया लेकिन सरकार ने कोई प्रतिक्रिया ही नहीं दी। ऐसे में इस कमेटी ने सोमवार को कुंडली बॉर्डर पर आगे की रणनीति बनाने के लिए SKM की पहले से गठित 9 मेंबरी कमेटी के साथ मीटिंग भी की।