शिमला, सुरेन्द्र राणा: हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में आउटसोर्स पर सेवाएं दे रहे कंप्यूटर शिक्षकों के लिए प्रदेश सरकार पॉलिसी बनाएगी। हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने शिक्षा विभाग को इस पूरे मामले को एग्जामिन (परीक्षण) करने के लिए कहा है। नए सिरे से भर्ती एवं पदोन्नति नियम बनेंगे। कई शिक्षक ऐसे हैं, जिनके पास कंप्यूटर एप्लीकेशन डिप्लोमा है और कइयों के पास डिग्री है। इसको ध्यान में रखते हुए डिप्लोमा प्राप्त शिक्षकों को डिग्री करने का समय दिया जा सकता है। हिमाचल के सरकारी स्कूलों में 1,326 कंप्यूटर शिक्षक हैं जो वर्ष 2002 से कंपनी में सेवाएं दे रहे हैं। हाईकोर्ट ने सरकार को कंप्यूटर शिक्षकों के लिए पाॅलिसी बनाने में छूट दी है।
पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान इन शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए पीजीटी आईपी पदों के लिए भर्ती शुरू की गई थी। जो नियम बनाए थे, उसका डिप्लोमा और डिग्रीधारक शिक्षकों ने विरोध किया और मामला हाईकोर्ट में चला गया। अब हाईकोर्ट से शिक्षकों को राहत मिली है। हिमाचल में चाहे भाजपा या फिर कांग्रेस की सरकार रही हो, इन्हें हर बार-बार पाॅलिसी बनाने का आश्वासन मिलता रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अपने पहले बजट भाषण में इन शिक्षकों के मानदेय में दो हजार रुपये बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि इस पूरे मामले को एग्जामिन करने के निर्देश दिए हैं। शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित होगा।
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