शिमला के रिज मैदान पर मनाया 76 वां हिमाचल दिवस, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने परेड की सलामी

शिमला, सुरेंद्र राणा: 76 वां हिमाचल दिवस आज पूरे प्रदेश भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। राज्य स्तरीय कार्यक्रम जहां लाहुल स्पिति में मनाया गया वही सभी जिलों में जिला स्तरीय कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। राजधानी शिमला में के रिज मैदान पर हिमाचल दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया जहां शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने तिरंगा फेहराया ओर परेड की सलामी दी। रोहित ठाकुर ने परेड का निरीक्षण किया जिसके बाद पुलिस एनसीसी एनएसएस होमगार्ड की टुकड़ियों ने सलामी दी इसके अलावा विभिन्न स्कूलों के छात्रों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। साथ ही छात्रो द्वारा नुक्कड़ नाटक के माध्यम से नशे को लेकर भी लोगो को जागरूक किया गया।

इस मौके पर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि आज के दिन हिमाचल अस्तित्व में आया था और पूरे प्रदेश में हिमाचल दिवस को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है । अस्तित्व में आने से लेकर अब तक हिमाचल प्रदेश में विकास में कई नए आयाम स्थापित किए हैं और आने वाले समय में भी हिमाचल विकास के पथ पर अग्रसर रहेगा।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के सबसे दुर्गम क्षेत्र लाहौल स्पीति के काजा में राज्यस्तरीय हिमाचल दिवस कार्यक्रम मनाया जा रहा हैं। जहा मुख्यमंत्री खुद शामिल हुए है। हिमाचल के एक सम्मान विकास में कांग्रेस सरकार विश्वास रखती है। हिमाचल प्रदेश अस्तित्व में आने से लेकर अब तक निरंतर विकास के पथ पर अग्रसर है।

प्रदेश में जहां पहले 200 शिक्षण संस्थान हुआ करते थे वहीं अब इनकी संख्या 15000 से ऊपर हो गई है कालेजो की संख्या में भी काफी इजाफा हुआ है और आने वाले समय में भी सरकार की प्राथमिकता रहेगी जो प्रदेश की मूलभूत आवश्यकताएं हैं उन्हें पूरा किया जाएगा। प्रदेश में टनल बनाने के साथ पर्यटन को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है और कांगड़ा को टूरिज्म कैपिटल बनाने की घोषणा मुख्यमंत्री ने की है।

इसके अलावा प्रदेश में फ़ॉर लाइन प्रोजेक्ट को तेजी से आगे बढ़ने के साथ हेलीपोर्ट बनाने पर भी काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू नई सोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं हालांकि पूर्व सरकार द्वारा कर्ज में प्रदेश को डुबोया है। डबल इंजन का राग अलापने वाली भाजपा प्रदेश पर 75 हजार करोड के ऋण और 11 हजार करोड़ की देनदारियां छोड़कर गए हैं। इसके बावजूद भी सरकार का प्रयास रहेगा कि प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही कर्ज के चक्कर से बाहर लाया जाए और आय के साधनों को बढ़ाने पर सरकार काम करेगी।

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