शिमला, सुरेंद्र राणा, सोशल मीडिया में फेक न्यूज, फोटो, वीडियो की सत्यता परखने तथा मीडिया कर्मियों को इसकी सटीक जानकारी देने के लिए शुक्रवार को प्रेस क्लब ऑफ शिमला के परिसर में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में गूगल सर्टिफाइड ट्रेनर व वरिष्ठ पत्रकार जतिन गांधी मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद रहे। उन्होंने फेक न्यूज के मायाजाल को लेकर मीडिया कर्मियों को विस्तार से समझाया।

उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया झूठी और भ्रामक खबरों को वायरल करने का एक बड़ा माध्यम बन गया है तथा लोगों को पता ही नहीं है कि उनके मोबाइल फोन और कंप्यूटर में आने वाली सूचनाओं में कौन सी खबर झूठी और कौन सी सही है। ऐसे में जरूरी है कि किसी भी खबर या संदेश को भेजने से पहले उसकी सत्यता की परख लें। इसके बाद ही आगे प्रेषित करें। ज्यादातर मामलों में जानबूझ कर लोगों का नुकसान करने के लिए भी फेक न्यूज का सहारा लिया जाता है।
उन्होंने बताया कि गूगल ने किसी भी तस्वीरों को परखने-जांचने के लिए बहुत सारे टूल्स इजाद किए हैं। जैसे गूगल रिवर्स इमेज सर्च। इस गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल से गूगल डेटाबेस के जरिए किसी भी तस्वीर की असलियत का पता लगाया जा सकता है। बताया कि गूगल अर्थ एप्लीकेशन पर किसी भी स्थान का ऑर्काईबल हिस्ट्री और हूइज से किसी भी फेक वेबसाइट का पता लगाया जा सकता है।
उन्होंने फेसबुक, ट्वीटर और ट्वीटडैक के बारे में भी मीडिया कर्मियों को महत्वपूर्ण जानकारी दी।
प्रेस क्लब ऑफ शिमला के अध्यक्ष उज्जवल शर्मा ने बताया कि ऐसी कार्यशाला से न केवल मीडिया के साथी लाभान्वित होते हैं बल्कि वे प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से समाज को भी फायदा पहुंचाते हैं।

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