शिमला, सुरेन्द्र राणा: हिमाचल में उद्योगों को बिजली पर मिलने वाली एक रुपये सब्सिडी बंद करने के मामले में शुक्रवार को हिमाचल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। न्यायाधीश संदीप शर्मा की अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा।

सब्सिडी बंद करने के सरकार के फैसले के खिलाफ करीब 150 औद्योगिक इकाइयां हाईकोर्ट पहुंची हैं।

उद्योगों की ओर से पेश अधिवक्ताओं ने अदालत में दलीलें दी कि हिमाचल प्रदेश विद्युत विनियामक आयोग की मंजूरी के बिना सरकार सब्सिडी बंद नहीं कर सकती है। राज्य सरकार साल में एक बार ही टैरिफ में संशोधन कर सकती है।

सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-2025 के बीच ही सब्सिडी बंद करने की अधिसूचना जारी कर दी। उन्होंने कहा कि हिमाचल में बिजली की दरें पहले ही पंजाब से भी ज्यादा हैं। सरकार अगर सब्सिडी देगी तो उद्योग आएंगे।

बता दें कि हिमाचल हाईकोर्ट ने 29 अक्तूबर को बड़े उद्योगों को प्रति यूनिट एक रुपये बिजली सब्सिडी न देने के फैसले पर रोक लगाई थी। दरअसल, 12 अक्तूबर को उद्योगों को जारी बिजली बिलों में एक रुपये की सब्सिडी समाप्त की गई थी। बिल आने के बाद उद्योगों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया।

सरकार ने कहा- दरों में संशोधन नहीं, सिर्फ सब्सिडी बंद की

सरकार और बिजली बोर्ड की ओर से दलीलें दी गईं कि बिजली दरों में कोई संशोधन नहीं किया गया है। सिर्फ उद्योगों को दी जाने वाली एक रुपये की सब्सिडी बंद की है। सरकार ने आयोग को उद्योगों की सब्सिडी बंद करने की सूचना दी थी। सूचना के बाद ही आयोग ने सब्सिडी वापस लेने का फैसला लिया।

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