सोलन: सलोगड़ा स्थित सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में कचरे के सही निस्तारण न होने के चलते एक बार फिर नगर निगम सोलन की किरकिरी हुई है। प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नगर निगम सोलन को नौ लाख 90 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। निगम को यह जुर्माना 15 दिनों के भीतर अदा करना होगा। अदा न करने की सूरत में विभागीय द्वारा आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। गौर रहे कि यह पहली मर्तबा नहीं है कि जब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के द्वारा निगम को जुर्माना लगाया है। इससे पहले भी कई बार तत्कालीन नगर परिषद व वर्तमान नगर निगम के कार्यकाल में सलोगड़ा स्थित सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के चलते जुर्माना लग चुका है। यह प्लांट हमेशा से ही सवालों के घेरे में रहा है। कभी कचरा प्रबंधन को लेकर टेंडर और कभी कचरे के सही निष्पादन न होने पर। इस प्लांट के लिए हुए टेंडर में दो वर्ष के भीतर लिगेसी वेस्ट को हटाया जाना था, जो अभी तक पूरा नहीं हो पाया है।

परवाणू प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक अभियंता अनिल राव ने बताया कि नगर निगम सोलन के सलोगड़ा स्थित सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का निरीक्षण किया था। इस दौरान कई खामियां पाई गई थी, जिसकी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजकर जुर्माना प्रस्तावित किया था। वहां से प्रस्ताव स्वीकार होने के बाद निगम को नौ लाख 90 के जुर्माना का लगाया है। 15 दिन में जुर्माना अदा करना होगा अन्यथा आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

पार्षद बोले, जुर्माना भरने में खर्च हो रहा विकास का पैसा

भाजपा प्रवक्ता एंव निगम पार्षद शैलेंद्र गुप्ता ने कहा कि नगर निगम सोलन में ठोस कचरा प्रबंधन के टेंडर में हुई अनियमितताओं के चलते विकास कार्यों के लिए निर्धारित धनराशि अब भारी जुर्मानों में जा रही है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कचरे का सही निस्तारण न करने पर नगर निगम को करीब दस लाख का भारी भरकम जुर्माना ठोका है। यह जुर्माना सोलन के विकास के लिए निर्धारित धनराशि से चुकाना पड़ेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि नगर निगम सोलन के अस्तित्व में आने के बाद से शहर के विकास कार्य पूरी तरह से रुक गए हैं। वहीं दूसरी ओर सोलन में ठोस कचरा प्रबंधन सवालों को घेरे में है।

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