कांगड़ा, काजल: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के विकास खंड लंबागांव की अपर लंबागांव पंचायत में बुधवार को स्थिति हास्यास्पद और तनावपूर्ण बन गई। पंचायत के ही एक व्यक्ति ने ग्रामसभा के दौरान पंचायत उपप्रधान और दो वार्ड सदस्यों सहित कुछ लोगों को पंचायत कार्यालय के कमरे में बंद कर दिया। जानकारी के अनुसार बुधवार को जब एक बजे के करीब अपर लंबागांव पंचायत में ग्राम सभा की कार्यवाही चल रही थी तो पंचायत में ज्यादा भीड़ होने के कारण पंचायत उपप्रधान और दो पंचायत सदस्य सहित कुछ लोग पंचायतघर के कमरे के अंदर बैठे थे। इतने में ही पंचायत का एक व्यक्ति बाहर से उठकर आया और अंदर बैठे लोगों से पूछताछ करने लगा और फिर बाहर से दरवाजा बंद करके चला गया।

पंचायत में ज्यादा भीड़ होने के कारण इस बात की भनक न तो वहां बैठे पंचायत सचिव को लगी और न पंचायत प्रधान को। इस बात का पता काफी देर बाद जब पंचायत उपप्रधान की बेटी को इसका पता चला तो उसने पंचायत कार्यालय का दरवाजा खोल करके अंदर बंद किए गए लोगों को बाहर निकाला। जब इस बात का पता पंचायत की ग्रामसभा की बैठक में अपने कामों की सूची लेकर आए लोगों को चला तो वे गुस्सा हो गए। बिना हस्ताक्षर किए अपने घर लौटकर चले आए। इस संबंध में अपर लंबागांव पंचायत के उपप्रधान की ओर से पुलिस थाना लंबागांव में शिकायत दर्ज करवा दी है। मामले की पुष्टि करते हुए डीएसपी अनिल शर्मा ने बताया कि इस संबंध में मामला दर्ज करके आगामी कार्रवाई आरंभ कर दी है।

दरअसल अपर लंबागांव पंचायत नई पंचायत बनी है। इसके चलते अभी तक पंचायत के पास अपना भवन नहीं है। वर्तमान में एक जंजघर में पंचायतघर चल रहा है। जहां लोगों के एकत्रित होने की जगह काफी कम है। ग्रामसभा के दौरान काफी धूप थी, पंचायत प्रधान और सचिव समेत पंचायत के सभी लोग बाहर धूप में बैठे थे। जबकि उपप्रधान और दो वार्ड सदस्य कमरे के अंदर थे। यह देख ग्रामीण गुस्सा हो गया और उसने कमरा बाहर से बंद कर दिया।
3,615 पंचायतों में ग्रामसभा, युवाओं को नशे से बचाने का प्रस्ताव पारित
हिमाचल की पंचायतों में 3,615 पंचायतों में बुधवार को ग्राम सभा हुई। इस दौरान पंचायत प्रतिनिधियों समेत लोगों ने स्वच्छता रैली निकालकर स्वच्छता का संदेश दिया। इस बार ग्राम सभाओं में युवाओं को नशे से बचाने, नशा कराने वालों की पहचान किए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया। युवाओं को नशे से बचाने के लिए कई पंचायतों में शपथ भी ली गई। इसके अलावा प्राकृतिक आपदा से पंचायतों में हुए नुकसान के बारे में भी चर्चा की गई।
ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के तहत चल रहे कार्यों को गति देने और विकास कार्यों की नई शैल्फें डाली गईं। पंचायतों में साढ़े 11 बजे ग्राम सभा आयोजित की गई। इसकी अध्यक्षता प्रधान ने की। पंचायती राज विभाग की ओर से ग्राम सभा के लिए 7 मामलों का एजेंडा भेजा गया है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पंचायती राज संस्थाओं और शहरी निकायों, महिला मंडल, युवक मंडल और गैर सरकारी संगठनों को जमीनी स्तर पर नशे के दुष्प्रभावों के बारे जागरुकता पैदा करने में जमीनी स्तर पर सक्रिय भूमिका निभाने को कहा है।

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