शिमला, सुरेंद्र राणा: जिला स्तरीय नार्को कोर्डिनेशन सेंटर की बैठक उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में शनिवार को आयोजित की गई। इस बैठक में उपायुक्त ने कहा कि आगामी एक महीने के भीतर जिले में नशे के खिलाफ निपटने के लिए विस्तृत अभियान के बारे में रोड़मैप बनाया जाएगा। इसके बाद जिला को नशा मुक्त बनाने के लिए हर संभव प्रयास किये जायेंगे।

उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि जिले में नशे की चपेट में युवा पीढ़ी धंसती जा रही है। इसके लिए जन सहभागिता को बढ़ाने की दिशा में व्यापक कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने जिला के लोगों से अपील की है कि नशे के कारोबार में संलिप्त लोगों की सूचना पुलिस और प्रशासन को दें। क्योंकि दिन-प्रतिदिन नशा हमारी युवा पीढ़ी को कमजोर कर रहा है। उन्होंने कहा कि हर खंड में ऐसे स्थानों का चयन किया जाएगा, जहां पर नशे का कारोबार फलफुल रहा है।

पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने कहा कि जिले में पिछले 15 महीनों में 1000 से अधिक लोगों को नशे के कारोबार के चलते गिरफ्तार किया गया। जिले में करीब 600 मामले दर्ज किए। इसमें अधिकांश मामले चिट्टे से जुड़े हुए है। पुलिस ने विभिन्न मामलों में आरोपियों की संपत्तियों को अटैच भी कर दिया है। चिट्टे के कारोबार में कई अहम प्रोफेशन से जुड़े लोगों की संल्पित्ता पाई गई है, जोकि काफी चिंतनीय विषय है। लेकिन आम जनता पुलिस को सूचना देने में परहेज करती है। अगर जनता पुलिस को सूचना मुहैया कराएगी तो तीव्र गति से नशे के कारोबारियों को गिरफ्तार किया जा सकता है। पुलिस सूचना देने वाले की जानकारी को हमेशा गुप्त रखती है। उन्होंने कहा कि चिट्टे को हल्के में नहीं लेना चाहिए। बच्चों के अभिभावकों को अपने बच्चों पर निगरानी बढ़ानी चाहिए और उनका चिकित्सीय उपचार भी करवाना चाहिए। इसके साथ ही पुलिस की सहायता से नशे के खिलाफ अपनी भूमिका निभानी चाहिए।

बैठक में मादक पदार्थों की तस्करी की प्रवृत्तियों के बारे में खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान, पोस्त एवं भांग की फसल की अवैध खेती पर निगरानी और अंतर राज्यीय मामले की जांच की प्रगति की निगरानी करने के बारे में विस्तृत चर्चा की गई। जिला के स्कूलों और कॉलेजों में नशीली दवाओं के दुरुपयोग विरोधी जागरूकता को बढ़ावा देने को लेकर विचार-विर्मश किया गया।

इसके अलावा नशीली दवाओं का पता लगाने के लिए उपकरणों की आवश्यकताओं का आकलन को लेकर चर्चा की गई। जिला में नशामुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्रों का पर्यवेक्षण को लेकर रणनीति तैयार करने के बारे में निर्देश दिए गए। बैठक में एंटी-नारकोटिक टास्क फोर्स (एएनटीएफ) के कार्यों की निगरानी एवं समीक्षा के लिए सरकारी स्तर पर गठित राज्य स्तरीय एनसीओआरडी समिति को कार्रवाई रिपोर्ट देने के बारे में चर्चा हुई।

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