शिमला, सुरेंद्र राणा, मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज मण्डी में 16.18 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित हिमाचल प्रदेश के दूसरे विश्वविद्यालय के दो खण्डों का लोकार्पण कर औपचारिक रूप से यह विश्वविद्यालय लोगों को समर्पित किया। सरदार पटेल विश्वविद्यालय मण्डी के नाम से स्थापित इस राज्य विश्वविद्यालय के अन्तर्गत मण्डी, कांगड़ा, चम्बा, लाहौल-स्पीति और कुल्लू जिला के 141 से अधिक सरकारी और निजी महाविद्यालयों को शामिल किया गया है।
देव सदन मण्डी के सभागार में आयोजित उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने महाविद्यालय और विश्वविद्यालय के अध्यापकों को संशोधित यूजीसी वेतनमान प्रदान करने की घोषणा की और इस सन्दर्भ में एक माह के भीतर अधिसूचना जारी की जाएगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं को उनके क्षेत्र के निकट उच्च शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से 52 वर्षों के पश्चात राज्य में दूसरा सरकारी विश्वविद्यालय अस्तित्व में आने के उपरान्त आज का यह दिन प्रदेश के इतिहास में स्वर्णिम आन्दोलन के रूप में अंकित हो गया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के गठन के पश्चात 22 जुलाई, 1970 को प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय शिमला में स्थापित किया गया था।
मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के शिक्षकों और विद्यार्थियों को इस संस्थान के उज्ज्वल भविष्य के लिए पूर्ण समर्पण और मिशन मोड पर कार्य करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय का नामकरण भारत के लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल के नाम पर किया गया है, जिन्हांेने रियासतों का एकीकरण कर अखण्ड भारत के निर्माण में बहुमूल्य योगदान दिया।
जय राम ठाकुर ने कहा कि मण्डी में नए विश्वविद्यालय की स्थापना से प्रदेश के दूर-दराज क्षेत्रों से आने वाले विद्यार्थी लाभान्वित होंगे, क्योंकि मण्डी हिमाचल के मध्य में स्थित है और अब महाविद्यालय तथा विश्वविद्यालय से सम्बन्धित कार्य के लिए इन पांच जिलों के विद्यार्थियों को शिमला नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि राज्य में दो विश्वविद्यालय होने से स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमांे की सीटों में भी वृद्धि होगी और विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए आसानी से प्रवेश मिल सकेगा तथा इससे हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला का बोझ भी कम होगा।
मुख्यमंत्री ने महाविद्यालय के अपने दिनों को याद करते हुए कहा कि वर्ष 1986-87 में वल्ल्भ राजकीय महाविद्यालय मण्डी में चार हजार से अधिक छात्र शिक्षा ग्रहण करते थे और आज भी छः हजार से अधिक विद्यार्थियों के साथ यह प्रदेश का सबसे बड़ा महाविद्यालय है।
उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में अर्जित शिक्षा आज भी उन्हें जीवन मेें विभिन्न बाधाओं को दूर करने में सहायक रही हैं। उन्होंने कहा कि वल्लभ परिसर के निर्माण पर 27 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं और इस वर्ष सितम्बर माह तक इसका निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस महाविद्यालय का एक पूर्व विद्यार्थी प्रदेशवासियों को राज्य का दूसरा विश्वविद्यालय समर्पित कर रहा है और यह हम सभी के लिए गौरव के क्षण हैं। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय परिसर की स्थापना के लिए उपयुक्त भूमि का चयन शीघ्र ही किया जाएगा और इस वर्ष जुलाई से मौजूदा परिसर से ही कक्षाएं आरम्भ हो जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटा पहाड़ी राज्य होने के बावजूद हिमाचल प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में बड़े राज्यों का मार्ग प्रशस्त किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार गुणात्मक शिक्षा पर विशेष ध्यान दे रही है और सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थियों ने बोर्ड के परीक्षा परिणामों में शानदार प्रदर्शन किया है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि शिव धाम के पहले चरण का कार्य पूर्ण होने वाला है और यह पर्यटकों के लिए एक अतिरिक्त आकर्षण का केन्द्र बनेगा। उन्होंने कहा कि नेरचौक में चिकित्सा विश्वविद्यालय स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि ग्रीन फील्ड हवाई अड्डा मण्डी का कार्य शीघ्र आरम्भ किया जाएगा, जो जिले की सबसे बड़ी परियोजना होगी।उन्हांेने कहा कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के साथ शीघ्र ही कम्पनी की स्थापना की जाएगी और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि मण्डी शहर के लोगों के लिए मण्डी नगर निगम वर्तमान प्रदेश सरकार की देन है।
इससे पहले, मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय परिसर में जारी विभिन्न निर्माण कार्याें का निरीक्षण किया। उन्होंने निष्पादन एजेंसियों के अधिकारियों को इस महत्वकांक्षी परियोजना का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निर्माण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर उन्होंने सरदार पटेल विश्वविद्यालय मण्डी की लोकार्पण प्लेट और लोगो का भी अनावरण किया। मुख्यमंत्री ने वल्लभ डिग्री कॉलेज मण्डी के 1987 बैच के अपने सहपाठियों को भी सम्मानित भी किया।
जल शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने प्रदेश की जनता और विशेष रूप से मण्डीवासियों की ओर से मण्डी में प्रदेश विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के नेतृत्व वाली वर्तमान प्रदेश सरकार के साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल में समाज के हर वर्ग और राज्य के हर क्षेत्र का समग्र विकास सुनिश्चिित हुआ है। उन्होंने कहा कि इस दौरान राज्य में भ्रष्टाचार का एक भी मामला सामने नहीं आया है, जो भ्रष्टाचार के प्रति प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति की पुष्टि करता है।
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। चालू वित्त वर्ष के दौरान इस महत्वपूर्ण क्षेत्र के लिए 8412 करोड़ रुपये बजट का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल विश्वविद्यालय राज्य के छात्रों के लिए एक मील पत्थर साबित होगा।
प्रधान सचिव शिक्षा डॉ. रजनीश ने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर राज्य में शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए हमेशा संवेदनशील रहे हैं। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से कोई भी दस प्रतिशत की वृद्धि हासिल कर सकता है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति का लक्ष्य इसे हासिल करना है। उन्होंने कहा कि इस संस्थान में पढ़ने वाले छात्रों की सुविधा के लिए विश्वविद्यालय में बहु-विषयक पाठ्यक्रम उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिले के शाहपुर में पहला ड्रोन फ्लाइंग ट्रेनिंग स्कूल स्थापित किया गया है और इस स्कूल से 75 छात्र उत्तीर्ण हुए हैं।
सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी के कुलपति प्रो. डी.डी. शर्मा ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए जय राम ठाकुर का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस कहावत को सत्य साबित किया है कि अगर कोई सपना देख सकता है तो उसे हासिल भी किया जा सकता है।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि आने वाले समय में यह विश्वविद्यालय देश के प्रमुख विश्वविद्यालयों में से एक के रूप में उभरेगा।
इस अवसर पर विधायक कर्नल इंदर सिंह, अनिल शर्मा, राकेश जम्बाल, विनोद कुमार, हीरा लाल, जवाहर ठाकुर, इंदर सिंह गांधी और प्रकाश राणा, विश्वविद्यालय की प्रति-कुलपति प्रो. अनुपमा सिंह, उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी, एसपी शालिनी अग्निहोत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।