पंजाब दस्तक(सुरेन्द्र राणा); अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के विधायकों और मंत्रियों को संदेश देते हुए कहा कि वे राजधानी तक सीमित न रहें और लोगों के बीच जाएं। उनकी परेशानियां सुनें और उनका निवारण करने का प्रयास करें। उन्होंने भ्रष्टाचार को किसी भी कीमत पर स्वीकार न करने की बात भी साफ लहजे में कही है।
केजरीवाल यह भी जानते हैं कि पंजाब सरकार की किसी भी असफलता से उनकी आगे की राजनीति को बड़ी चोट लग सकती है। किसी भी तरह की असफलता पर विपक्षी दल उस पर एक ‘नाकाम सरकार’ होने का तमगा चिपका सकते हैं। लिहाजा पार्टी हर कदम फूंक-फूंक कर रख रही है।
दिल्ली के बाद पंजाब में आम आदमी पार्टी ने जिस तरह की करिश्माई जीत हासिल की है, उससे उनकी धमक केंद्रीय स्तर पर भी साफ सुनी जा रही है। भाजपा नेताओं के बीच अभी से केजरीवाल मॉडल की काट खोजने की चिंता साफ महसूस की जा सकती है। उनकी राजनीति का ही असर हुआ था कि भाजपा को यूपी चुनाव में किसानों को मुफ्त बिजली देने का एलान करना पड़ा था।
सरकार ने पहली बैठक में ही 25 हजार सरकारी नौकरियों की भर्ती करने का एलान कर युवाओं का दिल जीत लिया है। दूसरे ही दिन पंजाब सरकार ने अवैध ड्रग्स के मामले में नई एसआईटी का गठन कर भ्रष्टाचार और नशे के कारोबार पर भारी चोट करने का संदेश दिया है।
भाजपा जानती है कि अब उसके हर मुख्यमंत्रियों के कामकाज की तुलना पंजाब की भगवंत मान सरकार के कामकाज से होगी। अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी हर बात पर अपना मुकाबला उनसे करते हुए नजर आएंगे। लिहाजा आने वाले समय मे अन्य राज्यों में भी भाजपा को कड़ी टक्कर देती नजर आएगी इसमें कोई संसय नही है।
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