पंजाब दस्तक(काजल); कृषि कानून वापस होने के बाद अब किसानों ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मांगों को लेकर सोमवार को रेल रोको अभियान चलाया। किसान जंडियाला-मानावाला ट्रैक, जालंधर-पठानकोट रेल मार्ग, टांडा उड़मुड़ फिरोजपुर ट्रैक और अमृतसर-खेमकरण रेल मार्ग पर बैठ गए हैं। पहले किसानों ने यह धरना 4 बजे तक घोषित किया था, लेकिन अब किसानों ने हड़ताल बढ़ा दी है। कल भी वह ट्रैक पर बैठे रहेंगे।
किसानों के ट्रैक पर बैठने के बाद से ही गाड़ियों को विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर रोक दिया गया है। शान-ए-पंजाब और नई दिल्ली- अमृतसर शताब्दी को ब्यास रेलवे स्टेशन पर रोका गया और वहीं से उसे वापस दिल्ली भेज दिया गया।
किसानों के ट्रेन रोके जाने के शान-ए-पंजाब, नई दिल्ली-अमृतसर शताब्दी को तो ब्यास से वापस भेज दिया गया, लेकिन मुम्बई अमृतसर, जम्मू तवी, सच्चखंड साहिब ट्रेनों को जालंधर व ब्यास में खड़ा किया गया। इसके अलावा अमृतसर से जाने वाली 28 ट्रेनों को पूरी तरह से रद्द कर दिया गया है। उत्तर रेलवे ने अभी मंगलवार का शेड्यूल जारी नहीं किया है। मंगलवार के लिए उत्तर रेलवे देर रात या सुबह निर्णय लेगा।
किसानों की ये है मांग
किसान मजदूर संगठन के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि भले ही सरकार ने कृषि कानूनों को वापस ले लिया हो, लेकिन अभी भी किसानों के कई मांगे मानी नहीं गई हैं। किसानों के ऋण माफी, आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को मुआवजे व सरकारी नौकरी समेत अन्य कई मुद्दों पर सरकार बोल नहीं रही। इन्हीं मांगों पर सरकार का ध्यान लाने के लिए रेल रोको आंदोलन शुरू किया गया।
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