धर्म: घर या मकान बनाते समय हम अक्सर दुविधा में रहते हैं कि घर में पूजा का स्थान कहां, किस स्थान पर और किस दिशा में हो। वास्तु के ज्ञान से अनभिज्ञ लोगों के घरों में ये अक्सर गलत दिशा में बनाए जाते हैं जो अवनति, मानसिक अशांति और दुख का कारण बनते हैं। 90 प्रतिशत घरों में पूूजा का स्थान अथवा पूजा घर गलत दिशा में बने रहते हैं। अधिकतर घरों में पूजा स्थान वास्तु अनुरूप नहीं होते।

PunjabKesari Puja ghar in home as per vastu

क्यों है महत्वपूर्ण पूजा स्थल
प्रभु आराधना में व्यक्ति जितने समर्पित और भक्तिभाव से उपस्थित रहे, भगवान उतने ही प्रसन्न और दयालु होते हैं। जहां श्रद्धा भाव प्रधान होता है, वहां पूजा के तौर-तरीके भी महत्वहीन हो जाते हैं, किंतु हमारी श्रद्धा पर वास्तु का भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। वास्तु अनुरूप पूजा स्थान का चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि पूजा स्थल श्रेष्ठ ऊर्जा का स्रोत होता है।

PunjabKesari Puja ghar in home as per vastu
पूजा बिखरी हुई न हो
‘पूजा बिखरी हुई न हो’ का अर्थ है कि घर में जगह-जगह पूजा स्थान न हों। कई बार देखने में आता है कि परिवार की माता जी की पूजा उनके कमरे में अलग थी। दूसरे कमरे में घर के मुखिया का पूजन स्थल था, वहीं बच्चे बरामदे में बनाए हुए मंदिर में पूजा करते थे। इस प्रकार के घरों में पूजा बिखरी हुई मानी जाती है। यह वास्तु दोष उत्पन्न करता है। घर में पूजा का एक ही स्थान होना चाहिए। अलग-अलग पूजा स्थान कदापि नहीं होने चाहिएं।

इसी प्रकार घर में जगह-जगह अलग स्थानों पर देवी-देवताओं के चित्र आदि नहीं लगाने चाहिएं। बिखरी हुई पूजा होने एवं स्थान पर देवी-देवताओं के चित्र आदि लगाने से घर के सदस्य बेचैन व दुखी रहते हैं।

भवन-घर में ईशान क्षेत्र सबसे शुभ व शुद्ध स्थान माना जाता है क्योंकि ईशान क्षेत्र स्वयं भगवान शिव का स्थान है। वास्तु पुरुष का सिर भी इसी क्षेत्र में होता है। यही कारण है कि ईशान कोण में बना पूजा घर समृद्धिदायक माना जाता है।

यदि ईशान क्षेत्र पूजा घर के लिए उपलब्ध न हो तो नैऋत्य कोण में पूजा घर या स्थान बनाने पर घर में परेशानी और दुख पैर जमा लेते हैं। अत: नैर्ऋत्य कोण में पूजा स्थान शुभ नहीं रहता है। ईशान क्षेत्र में विकल्प उपलब्ध न होने की स्थिति में आप अपना पूजा स्थल उत्तर दिशा अथवा पूर्व दिशा में निर्मित कर सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed