कतर से आठ पूर्व नौसेनिकों की रिहाई की कमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद संभाल रखी थी। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को छह बार गुपचुप कतर भेजा। सूत्रों ने बताया कि पीएम की सलाह व विदेश मंत्रालय और विभिन्न भारतीय खुफिया एजेंसियों के संयुक्त प्रयास से यह रिहाई हो सकी। एजेंसियां पिछले एक साल से लगातार काम कर रही थीं। अजीत डोभाल ने कतर सरकार और वहां के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी के नजदीकी लोगों को मौजूद भू-राजनीति के मद्देनजर मामले की बारिकियां समझाईं। उधर, विदेश मंत्री एस जयशंकर की अगुवाई में खास गठित टीम कूटनीतिक स्तर पर मामले को संभाल रही थी।

सूत्रों के मुताबिक इसके तहत सऊदी अरब समेत खाड़ी के कई देशों के साथ भी बातचीत चल रही थी। विदेश में काम करने वाली खुफिया एजेंसी की भूमिका भी काफी अहम मानी जा रही है। गौरतलब है कि कतर सरकार ने इन आठों पूर्व नौसैनिकों पर जासूसी के लगे आरोप के बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की थी। लेकिन एनएसए की कोशिशों के बाद शीर्ष स्तर पर यह जानकारी दी गई। इन्हीं जानकारियों के आधार पर भारतीय एजेंसियों ने अपना बचाव तैयार किया।

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