शिमला(सुरेंद्र राणा) प्रदेश सरकार इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय शिमला में कृत्रिम अंग प्रदान करने की सुविधा आरम्भ करने के लिए कदम उठाएगी, इसके लिए चिकित्सकों और अन्य कर्मचारियों को प्रर्याप्त प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा ताकि राज्य में जरूरतमंद इस सुविधा से वंचित न रहें।

यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज राज्य सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति-जयपुर-फुट के सहयोग से कृत्रिम अंगों के प्रत्यारोपण के लिए आयोजित राज्य स्तरीय कृत्रिम अंग प्रत्यारोपण शिविर का शुभारम्भ करते हुए कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति पीडि़त मानवता की मदद कर बहुत सराहनीय सेवा कर रही है। उन्होंने कहा कि किसी दुर्घटना के कारण विकलांग हुए लोगों को कृत्रिम अंग प्रदान किए जा रहे हैं ताकि वह अपने सपनों को साकार कर सकें। इससे उनके जीवन में आशा की एक नई उम्मीद जगी है।

जय राम ठाकुर ने कहा कि भगवान महावीर विकलांगता सहायता समिति की स्थापना डी.आर. मेहता ने 1975 में दिव्यांगों के कल्याण के लिए की और तब से यह समिति लगातार दिव्यांगों की सेवा और कल्याण के लिए कार्यरत है।

यह समिति दिव्यांगों के कल्याण के लिए कार्य करने वाली विश्व की सबसे बड़ी संस्था के रूप मंे उभरी है। उन्होंने कहा कि जन्म से जुड़ी दिव्यांगता से बचने के लिए आज विज्ञान ने काफी प्रगति की है लेकिन कई बार यह दिव्यांगता किसी तरह की बीमारी या दुर्घटना के कारण भी हो सकती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शारीरिक अक्षमता से ग्रसित कई लोगों ने कठिन परिश्रम और प्रतिबद्धता से जीवन में बहुत कुछ हासिल किया है। उन्होंने कहा कि विशेष ओलम्पिक में शारीरिक रूप से दिव्यांग देश व राज्य के युवाओं ने न केवल स्वयं बल्कि देश के लिए भी गौरव हासिल किया है।

उन्होंने कहा कि ऊना जिला के निषाद कुमार ने ओलम्पिक में रजत पदक जीता है। उत्तर प्रदेश राज्य की अरूणिमा सिन्हा ने एक दुर्घटना में अपनी टांग खोने के बावजूद माउंट एवरेस्ट पर विजय प्राप्त की। उन्होंने कहा कि दृढ़ इच्छा शक्ति और प्रतिबद्धता के साथ जीवन में कुछ भी हासिल करने का यह सबसे उपयुक्त उदाहरण है।

जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार विशेष रूप से सक्षम लोगों और दिव्यांगों को हर सम्भव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गंभीर रोगों से ग्रस्त मरीज के परिवार को सहारा योजना के तहत तीन हजार रुपये प्रतिमाह वित्तीय सहायता के रूप में प्रदान किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत बीस हजार लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति के चिकित्सकों और तकनीकी कर्मियों को सम्मानित किया।

शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के नेतृत्व में प्रदेश सरकार का पहला ही निर्णय वृद्धजनों के कल्याण पर केन्द्रित था। उन्होंने कहा कि वृद्धावस्था सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ प्राप्त करने की आयु सीमा को 80 वर्ष से घटाकर 70 वर्ष किया गया है और इसे वृद्ध महिलाओं के लिए और कम करके 65 वर्ष किया गया है।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीन चैधरी ने कहा कि भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति वास्तव में जरूरतमंद लोगों को कृत्रिम अंग प्रदान करने की सेवा में सराहनीय कार्य कर रही है। उनके इस कार्य से जरूरतमंद लोगों के चेहरे पर मुस्कान आई है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में कृत्रिम अंगों की आवश्यकता वाले 400 से अधिक लोगों की पहचान की गई है। प्रदेश सरकार समाज के कमजोर वर्ग के कल्याण करने के लिए प्रतिबद्ध है और उनके उत्थान के लिए कई योजनाएं शुरू की गई है। उन्होंने विभाग द्वारा विशेष रूप से सक्षम लोगों के कल्याण के लिए शुरू की गई विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने विशेष रूप से सक्षम लोगों के लिए दिव्यांग कल्याण बोर्ड और विकलांग जन कल्याण बोर्ड का भी गठन किया है।

अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक एवं विशेष रूप से सक्षम का सशक्तिकरण विभाग के निदेशक विवेक भाटिया इस अवसर पर मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि श्री भगवान महावीर सेवा समिति द्वारा आयोजित यह अपनी तरह का पहला शिविर है।

पूर्व सांसद और अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष वीरेन्द्र कश्यप, महापौर सत्या कौंडल, उप महापौर शैलेन्द्र चैहान, मुख्य सचिव राम सुभग सिंह और भगवान महावीर सेवा समिति के डाॅ. विजय भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed