दिल्ली: कश्मीर से कन्याकुमारी और गुजरात से लेकर पूर्वोत्तर राज्यों के लाखों शिक्षक कर्मचारियों ने NPS निजीकरण भारत छोड़ो, पुरानी पेंशन बहाल करो, NMOPS जिंदाबाद, अटेवा जिंदाबाद के नारे लगाए. अलग राज्यों के कर्मचारियों ने अपने-अपने अंदाज में सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की मांग की. इस दौरान ‘जो OPS बहाल करेगा. वही देश पर राज करेगा’ के नारे लगे.

भारत अपने कर्मचारियों को क्यों नहीं दे सकता पेंशन

NMOPS के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने पेंशन शंखनाद महारैली को संबोधित करते हुए कहा कि जब पश्चिम बंगाल, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल कर सकते हैं तो विश्व मे आज भारत आर्थिक महाशक्ति के रूप में स्थापित हो चुका है तो वह अपने कर्मचारियों को पेंशन क्यों नही दे सकता है.

भारतीय किसान यूनियन के राकेश सिंह टिकैत ने रैली को संबोधित किया और पुरानी पेंशन बहाली का समर्थन किया.

अगर सरकार ने पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल नहीं की तो आने वाले चुनाव में वोट फ़ॉर OPS अभियान चलाकर पुरानी पेंशन बहाल कराएंगे. NMOPS के राष्ट्रीय महासचिव स्थित प्रज्ञ ने कहा कि पुरानी पेंशन की बहाली के लिये पूरा देश एकजुट हो गया है. अब देश का शिक्षक व कर्मचारी जा गया है और वह पेंशन लेकर ही रहेगा. चाहे उसके लिये उसे कुछ करना पड़े.

राजस्थान में बहाल हुई है पुरानी पेंशन

राजस्थान NMOPS के प्रदेशाध्यक्ष कोजाराम सियाग ने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुरानी पेंशन बहाल कर पूरे देश में एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया है. हरियाणा पेंशन बहाली संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजेंद्र धारीवाल ने कहा कि पुरानी पेंशन जीवन-मरण का प्रश्न है. इसलिए हरियाणा में होने वाले चुनाव में कर्मचारी पुरानी पेंशन को मुद्दा बनाएगा.

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