पंजाब दस्तक, सुरेन्दर राणा, संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में शब्दों के इस्तेमाल को लेकर नई गाइडलाइंस जारी हुई हैं। लोकसभा सचिवालय ने असंसदीय शब्द 2021 शीर्षक के तहत ऐसे शब्दों और वाक्यों की लिस्ट तैयार की है, जिन्हें ‘असंसदीय अभिव्यक्ति’ की श्रेणी में रखा गया है।
इसके तहत दोनों सदनों में कार्यवाही में हिस्सा लेने वाले सांसद चर्चा में के दौरान जुमलाजीवी, कोरोना स्प्रेडर, जयचंद और भ्रष्ट जैसे आम इस्तेमाल के शब्द इस्तेमाल कर सकते हैं।
इन शब्दों के अलावा संसद में निशाना साधने के लिए इस्तेमाल होने वाले शब्द जैसे बाल बुद्धि, स्नूपगेट के प्रयोग पर भी रोक रहेगी। यहां तक कि आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले शर्म, दुर्व्यवहार, विश्वासघात, ड्रामा, पाखंड और अक्षम जैसे शब्द अब लोकसभा और राज्यसभा में असंसदीय माने जाएंगे। इनके शब्दों के अलावा शकुनि, जयचंद, लॉलीपॉप, चांडाल चौकड़ी, गुल खिलाए, पिट्ठू जैसे आदि शब्दों का भी दोनों सदनों में इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी नई बुकलेट के अनुसार, ऐसे शब्दों के प्रयोग को अमर्यादित आचरण माना जाएगा और ये सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं होंगे।
18 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले सदस्यों के इस्तेमाल के लिए जारी किए गए इस संकलन में ऐसे शब्दों या वाक्यों को शामिल किया गया है, जिन्हें लोकसभा, राज्यसभा और राज्यों के विधानमंडलों में वर्ष 2021 में असंसदीय घोषित किया गया था। इसके अनुसार, असंसदीय शब्द, वाक्य या अमर्यादित अभिव्यक्ति की श्रेणी में रखे गए शब्दों में कमीना, काला सत्र, दलाल, खून की खेती, दोहरा चरित्र, निकम्मा, नौटंकी, ढिंढोरा पीटना, बहरी सरकार, चिलम लेना, छोकरा, कोयला चोर, गोरू चोर, चरस पीते हैं, सांड, खालिस्तानी, विनाश पुरुष, तानाशाही, तानाशाह, अराजकतावादी, गद्दार, अपमान, गिरगिट, गूंस, घड़ियाली आंसू, असत्य, अहंकार, काला दिन, काला बाजारी, खरीद फरोख्त, दंगा, दलाल, दादागीरी, बेचारा, संवेदनहीन, सेक्सअल हरेसमेंट जैसे शब्द भी शामिल किए गए हैं।
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