शिमला, सुरेंदर राणा, पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह की पहली पुण्यतिथि पर 8 जुलाई को राजधानी शिमला के गेयटी थियेटर में “जन विकास था काम, वीरभद्र था नाम ” कार्यक्रम शाम चार बजे आयोजित किया जाएगा। गेयटी थियेटर में सर्वधर्म प्रार्थना सभा का भी आयोजन होगा। सर्वधर्म प्रार्थना सभा में सभी धर्मों के धर्म गुरू दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करेंगे। इस कार्यक्रम में हर राजनीतिक दल के नेताओं और आम जनता को बुलाया गया है। इसका आयोजन स्व. वीरभद्र सिंह के परिवार की तरफ से आयोजित किया गया है
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव यशवंत छाजटा ने बताया कि 8 जुलाई के दिन को पार्टी संकल्प दिवस के रूप में मनाएगी। इस दिन कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन सहित ब्लॉक स्तर पर कार्यक्रम आयोजित होंगे। वीरभद्र सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित कर पार्टी कार्यकर्ता उन के दिखाए मार्ग और प्रदेश के कोने कोने में किये विकास कार्यों को जन जन तक पहुंचाने का संकल्प लेंगे।
इन कार्यक्रमों में कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता अपने दिवंगत नेता को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह जब तक सक्रिय राजनीति में रहे, जनता के बीच ही रहे। यही कारण है कि जनता उन्हें अपना ही समझती थी। कांग्रेस ही नहीं, अन्य दलों के नेता भी उन्हें मान सम्मान देते थे।
वीरभद्र सिंह आम जनता से जुड़े रहे। साधनहीन लोगों के प्रति उनके मन में करुणा थी। वे जरूरतमंद लोगों के लिए हमेशा मदद करते थे। वीरभद्र सिंह एक कुशल प्रशासक के तौर पर तो जाने जाते थे और उनकी अफसरशाही पर अच्छी पकड़ थी। वीरभद्र सिंह का प्रदेश के विकास को लेकर स्पष्ट विजन था। इसलिए उन्हें विकास का मसीहा के नामक से पुकारा जाता था और आधुनिक हिमाचल का शिल्पकार व निर्माता कहा जाता था।
इससे पहले स्व. वीरभद्र सिंह की 23 जून को उनके जन्मदिवस को भी विकास दिवस के रूप में मनाया गया था।
अब पुण्य तिथि पर सर्व धर्म प्रार्थना सभा आयोजित की जा रही है। छह बार हिमाचल के मुख्यमंत्री पद की कमान संभालने वाले वीरभद्र सिंह छह दशक तक सक्रिय राजनीति में रहे। राजनीतिक जीवन में जनता का भरपूर प्यार व समर्थन हासिल किया। वीरभद्र सिंह ने केंद्र में भी महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाले थे।