पंजाब दस्तक डेस्क; रूस-यूक्रेन के बीच 14वें दिन भी जंग जारी है. इस बीच रूस को आर्थिक तौर पर कमजोर करने के लिए लगातार कोशिशें की जा रही है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेन पर रूस के हमले के जवाब में उसकी अर्थव्यवस्था को और कमजोर करने के इरादे से मंगलवार को घोषणा की कि अमेरिका, रूस से सभी तेल आयात पर प्रतिबंध लगाएगा, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि इससे अमेरिकियों, विशेष रूप से गैस पंप पर लागत बढ़ जाएगी.

यह कार्रवाई यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की द्वारा अमेरिका और पश्चिमी देशों के अधिकारियों से आयात में कटौती करने की अपील करने के बाद हुई है. रूस के वित्तीय क्षेत्र पर गंभीर प्रतिबंधों के बावजूद तेल निर्यात ने वहां नकदी प्रवाह को स्थिर बनाए रखा है.

राष्ट्रपति बाइडन ने घोषणा की, ‘‘हम पुतिन के युद्ध को ‘सब्सिडी’ देने का हिस्सा नहीं होंगे.’’ उन्होंने नयी कार्रवाई को इस जारी युद्ध के लिए रूस को धन जुटाने के खिलाफ एक ‘‘जोरदार झटका’’ बताया. उन्होंने कहा कि अमेरिकियों को बढ़ती कीमतों का सामना करना होगा, स्वतंत्रता की रक्षा करना महंगा पड़ जाएगा. बाइडन ने कहा कि अमेरिका यूरोपीय सहयोगियों के साथ परामर्श में काम कर रहा है, जो रूसी ऊर्जा आपूर्ति पर अधिक निर्भर हैं.

वहीं दूसरी तरफ, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा कि वह अब यूक्रेन की नाटो सदस्यता के लिए दबाव नहीं डाल रहे हैं. यही वह बड़ा मुद्दा है, जिसे रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की जड़ माना जा रहा है. मास्को को शांत करने के उद्देश्य से एक और स्पष्ट संकेत में ज़ेलेंस्की ने कहा कि वह दो अलग-अलग रूसी समर्थक क्षेत्रों की स्थिति पर “समझौता” करने के लिए तैयार हैं, जिसे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 24 फरवरी को आक्रमण शुरू करने से ठीक पहले स्वतंत्र घोषित किया था और मान्यता दी थी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *