अर्की:मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क सहित सभी क्षेत्रों में जन-जन को गुणवत्तायुक्त सुविधाएं प्रदान करना वर्तमान प्रदेश सरकार का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री आज सोलन जिला के अर्की विधानसभा क्षेत्र की दूर-दराज ग्राम पंचायत क्यार कनैता के लोहारघाट में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर क्षेत्रवासियों की मांग के अनुरूप लोहारघाट में उप-तहसील खोलने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि सड़क, शिक्षा व स्वास्थ्य जैसे प्राथमिक क्षेत्रों में अधोसंरचनात्मक एवं अन्य सुधार किए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा सभी विद्यालयों में आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। आगामी तीन वर्षों में प्रदेश में विद्यालय भवनों के निर्माण पर 600 करोड़ रुपयेे व्यय किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में सभी चिकित्सा महाविद्यालयों एवं जिला अस्पताल स्तर पर अधोसंरचना को सुदृढ़ किया जा रहा है और आधुनिक तकनीक के समावेश से सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार के लिए व्यवस्था परिवर्तन का उद्देेश्य प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाना और जन-जन को स्वाभिमान के साथ जीवन में आगे बढ़ने के अवसर प्रदान करना है। इन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए जहां जनकल्याणकारी योजनाएं कार्यान्वित की जा रही है वहीं समय-समय पर कार्यरत योजनाआंें में सुधार भी किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार दूर-दराज के क्षेत्रों में पहुंचकर न केवल समस्याओं का निदान कर रही हैं बल्कि विकास के लाभ भी जन-जन तक पहुंचा रही है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण आर्थिकी में आशातीत सुधार के लिए प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है।
प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती के माध्यम से उत्पादित मक्की की खरीद 30 रुपए प्रति किलो और गेहूं की खरीद 40 रुपए प्रति किलो की दर से कर रही है।
राज्य सरकार अब तक किसानों से 398 मीट्रिक टन मक्की की खरीद कर चुकी है। उन्होंने किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती के उत्पाद विक्रय करने के लिए किसान अपना पंजीकरण करवाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने दूध के खरीद मूल्य में ऐतिहासिक वृद्धि की है। दूध उत्पादकों के लाभ के लिए दत्तनगर में 50 हजार लीटर क्षमता का नया दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किया गया है। प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार समाज के सभी वर्गों का कल्याण सुनिश्चित कर रही है। जनता से किए गए वायदों के अनुरूप विभिन्न गारंटियां चरणबद्ध तरीके से पूरी की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ प्रदान कर उनका भविष्य सुरक्षित किया गया है।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने गत वर्ष आई आपदा में भी अपने संसाधनों से पीड़ितों की सहायता के लिए 4500 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज दिया। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार से वर्तमान सरकार को खाली कोष मिला।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने किफायती योजनाओं और वित्तीय प्रबंधन से यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि राज्य तरक्की के पथ पर आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि सरकार सभी व्यवस्थाओं को सुनिश्चित बनाने के उपरांत ही नए संस्थान खोल रही है ताकि लोगों को इनका लाभ मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने जीवन में संघर्ष देखा है और राजनीति के माध्यम से वह आमजन की समस्याओं के समाधान को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहे हैं। उन्होंने लोगों को विश्वास दिलाया कि सही नीतियों और जन-जन के सहयोग से वर्ष 2027 तक हिमाचल आत्मनिर्भर बनेगा तथा वर्ष 2032 तक देश का सबसे समृद्ध राज्य होगा।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर क्षेत्र के शहीद हवलदार राम रतन की पत्नी निर्मला देवी को भी सम्मानित किया।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनीराम शांडिल ने कहा कि मुख्यमंत्री के कुशल मार्गदर्शन एवं संवेदनशील नेतृत्व में प्रदेश विकास की नई ईबारत लिख रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम से लोगों को उनके घर-द्वार पर समस्याओं का समाधान मिल रहा है। उन्होंने संवेदनशील नेतृत्व प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री की सराहना की।
अर्की के विधायक संजय अवस्थी ने दूर-दराज मलौण परगना पहुंचने पर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शपथ लेते ही व्यवस्था परिवर्तन का शुभारंभ किया और 101 करोड़ रुपये के सुख-आश्रय कोष के साथ सामाजिक परिवर्तन की नींव रखी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार स्वावलम्बी एवं आत्मनिर्भर हिमाचल बनाने के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने क्षेत्र की विभिन्न मांगों से भी मुख्यमंत्री को अवगत करवाया।
इस अवसर पर ग्राम पंचायत क्यार कनैता के प्रधान रघुराज पराशर, जिला परिषद एवं पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि तथा अन्य गणमान्य उपस्थित थे।