शिमला, सुरेंद्र राणा: भाजपा नेताओं की जुबान पर लगाम लगाने की जेपी नड्डा को सलाह देने की सीएम सुक्खू की नसीहत पर प्रदेश भाजपा ने पलटवार किया है और कहा है कि जेपी नड्डा को किसी की सलाह की जरूरत नही है बल्कि सीएम सुक्खू को अपने राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी को नसीहत देनी चाहिए कि उनको कहां पर क्या बयां देना चाहिए।
कांग्रेस में अनुशासन नाम की चीज नहीं है और कांग्रेस के नेता लगातार राष्ट्र विरोधी बयान देकर देश की छवि खराब कर रहे हैं। राहुल गांधी विदेश में जाकर भारत के खिलाफ ब्यान देते हैं और देश की छवि खराब करने का काम कर रहे हैं। कांग्रेस नेता आलोचना सहना सीखे और उन आलोचनाओं को सुनकर अपने में सुधार करें। राहुल गांधी अगर देश की प्रतिष्ठा बढ़ा नहीं सकते तो उसे खराब करने का काम भी न करे।
मुख्यमंत्री ने बीते दिनों कहा है कि हिमाचल की सरकार के साथ केन्द्र सरकार भेदभाव कर रही है और 23 हजार करोड़ हिमाचल के केन्द्र में फसे हुए हैं जो निराधार ब्यान है और 45852 करोड़ रुपए दो वर्षो में केंद्रीय करों में हिस्सेदारी और केंद्रीय अनुमान व सहायता के रूप में हिमाचल को मिला है। प्रदेश की आर्थिक स्थिति के लिए वर्तमान सरकार का कुप्रबंधन, भ्रष्ट्राचार और फिजूलखर्ची सीधे तौर पर जिम्मेवार है जबकि भाजपा पर इसका ठीकरा फोड़ना गलत है।
प्रदेश में मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर जन आंदोलन चल रहे हैं और इससे निपटने के सर्वदलीय बैठक बुलाई थी जिसमें बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों की पहचान, चरित्र प्रमाण करने की जरूरत पर सहमति बनी थी और इसके लिए एक ज्वाइंट कमेटी बनाने की बात सीएम सुक्खू ने कही थी लेकिन एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी न तो कमेटी बनी और न ही कोई सरकार ने कदम उठाया जो बताता है कि सीएम इस संवेदनशील मुद्दे को लेकर गंभीर नहीं है।
वामपंथी दलों की तरह कांग्रेस भी इसमें वोट बैंक की राजनीति कर रही है और आंदोलन को दबाने के लिए लोगों पर प्रदर्शन के एक सप्ताह बाद भी एफआईआर दर्ज की जा रही है और पत्रकारों को भी नोटिस भेज कर उनकी आवाज दबाने की कांग्रेस कोशिश कर रही है।