नई दिल्ली: लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी अमरीका में सिख धर्म पर दिए गए बयान को लेकर विवादों में आ गए हैं। उन्होंने सिख धर्म की आजादी पर दिए अपने बयान से राजनीतिक भूचाल ला दिया है। बीजेपी ने इस मुद्दे को आड़े हाथ लिया है और 1984 के सिख विरोधी दंगों का मुद्दा भी गरमा गया है। राहुल ने अमरीका के वर्जीनिया में कहा कि भारत में लड़ाई इस बात की है कि क्या एक सिख को पगड़ी पहनने दी जाएगी… क्या एक सिख को कड़ा पहनने या गुरुद्वारे जाने की इजाजत होगी। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ सिखों के लिए नहीं, बल्कि सभी धर्मों के लिए है। इस बयान को लेकर बीजेपी ने राहुल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वहीं कांग्रेस ने राहुल के बयान का बचाव किया है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने राहुल के बयान पर सफाई देते हुए कहा कि बीजेपी कब से भारत की पर्याय बन गई? यह गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि बीजेपी की आलोचना करना भारत की आलोचना करने जैसा है। भाजपा प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि 1984 में कांग्रेस के शासन काल में दिल्ली में 3000 सिखों का कत्लेआम हुआ।
सिखों की पगडिय़ां उतरवा दी गई। उनके बाल और दाढ़ी काट दिए। राहुल यह नहीं बता रहे हैं कि यह सबकुछ कांग्रेस के शासनकाल में हुआ था। मैं राहुल को चुनौती देता हूं कि वह एक बार फिर से यह बात दोहराएं। अगर राहुल गांधी ऐसा करते हैं तो मैं उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराउंगा और उन्हें कोर्ट में घसीटूंंगा। केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने भी राहुल गांधी पर हमला बोला। हरदीप पुरी ने कहा कि राहुल गांधी के अमरीका में दिए गए बयान से देश की छवि धूमिल हो रही है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैंने 60 साल से पगड़ी पहन रखी है और कभी किसी ने सवाल नहीं उठाया। पुरी ने यह भी जोड़ा कि सिखों को सबसे ज्यादा मुश्किलें तब झेलनी पड़ीं जब 1984 के दंगे हुए, और यह कांग्रेस के शासनकाल में हुआ।
सिख समुदाय के खिलाफ नफरत फैला रहे कांग्रेस नेता
बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी राहुल गांधी के बयान पर निशाना साधा। सिरसा ने कहा कि राहुल गांधी ने सिख समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाने का काम किया है। सिरसा ने कहा कि राहुल गांधी के बयान से सिखों की धार्मिक स्वतंत्रता को ठेस पहुंची है। सिरसा ने कहा कि राहुल गांधी का यह बयान सिखों के प्रति नफरत फैलाने की कोशिश है।