चंडीगढ़, सुरेंद्र राणा: पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशनल एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर) चंडीगढ़ के न्यूरोलॉजी विभाग ने पीजीआई न्यूरोलॉजिकल सोसाइटी (पीएनएस) और इंडियन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी (आईएएन) के सहयोग से एक जन जागरूकता अभियान सफलतापूर्वक चलाया।
श्जनता के साथ पीजीआई का हाथ थीम के तहत आयोजित इस अभियान का उद्देश्य जनता को सिरदर्द अलार्म को पहचानने के बारे में शिक्षित करना था। यह कार्यक्रम एपीसी सभागार परिसर में हुआए जिसमें गंभीर सिरदर्द के संकेतों और लक्षणों को समझने के महत्व पर ध्यान आकर्षित किया गया। न्यूरोलॉजी विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य सिरदर्द को तुरंत पहचानने और उसका समाधान करने के महत्व पर प्रकाश डालना था।
जागरूकता अभियान का उद्घाटन करते हुए पीजीआईएमईआर के निदेशक डा. प्रो. विवेक लाल ने भारतीय संदर्भ में सिरदर्द की प्रासंगिकता पर जोर दिया।
उन्होंने जीवन में व्यायाम और वजन प्रबंधन की भूमिका पर प्रकाश डाला। डा. लाल के संबोधन के बाद न्यूरोलॉजी में सीनियर रेजिडेंट डा. सौरभ मिश्रा ने विभिन्न प्रकार के सिरदर्द, प्रमुख पहचान सुविधाओं और तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता पर व्यापक प्रस्तुति दी। न्यूरोलॉजी की एसोसिएट प्रोफेसर डॉण् आस्था टक्कर द्वारा संचालित पैनल चर्चा ने एक खुले संवाद में दर्शकों ने अपने अनुभवों का वर्णन किया और सिरदर्द से संबंधित प्रश्न उठाए। सत्र में विविध पृष्ठभूमियों का प्रतिनिधित्व करने वाले व्यक्तियों की सक्रिय भागीदारी देखी गई, जिन्होंने अंतर्दृष्टि और सूचनाओं के समृद्ध आदान-प्रदान में योगदान दिया।
न्यूरोलॉजी विभाग के संकाय सदस्य प्रो. धीरज खुराना, प्रो. परमप्रीत सिंह खरबंदा, डा. साहिल मेहता, डा. सुचरिता रे, डा. कमलेश चक्रवर्ती, डा. रितुश्रे और डा. कार्तिक विनय महेश चर्चा में शामिल हुए और विषय पर अपने अनुभव और ज्ञान को साझा किया। इस बात पर प्रकाश डाला गया कि उच्च रक्तचाप का प्रबंधनए तनाव नियंत्रण, वजन प्रबंधन और नियमित व्यायाम हमें सिरदर्द के प्रबंधन में मदद कर सकते हैं। अच्छी नींद की स्वच्छता के महत्व पर भी चर्चा की गई।
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