शिमला, सुरेंद्र राणा: सरकारी स्कूलों के छात्र भी जल्द ही रंग-बिरंगी पोशाकों में नजर आएंगे। शिक्षा विभाग ने स्कूलों को वर्दी के छह विकल्प मुहैया करवाए थे। इसमें वर्दी से लेकर स्वेटर, जैकेट, टाई इत्यादि तक का विकल्प दिया गया है। स्कूलों ने भी अपनी-अपनी पसंद की नई ड्रेस सिलेक्ट कर ली है और छात्रों को नई ड्रेस सिलाने के निर्देश दे दिए हैं। शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों के प्रत्येक छात्र को 600 रुपए वर्दी के मुहैया करवाए जाएंगे। बता दें कि सरकारी स्कूलों के छात्र भी जल्द ही प्राइवेट स्कूलों के छात्रों की तरह रंग-बिरंगी ड्रेस में नजर आएंगे, क्योंकि सरकारी स्कूलों को शिक्षा विभाग ने जनवरी माह में वर्दी के छह विकल्प मुहैया करवा दिए थे, ताकि स्कूल हैड एसएमसी और छात्रों के अभिभावकों के साथ बैठक कर नए सेशन के लिए वर्दी का चयन कर लेें।
स्कूल हैड को एसएमसी और अभिभावकों की सहमति के बिना कोई भी ड्रेस कंबीनेशन सिलेक्ट न करने के निर्देश दिए गए थे। यही नहीं स्कूलों को यह भी निर्देश थे कि अगर एसएमसी और अभिभावक छात्रों की ड्रेस को बदलना नहीं चाहते हैं, तो वे इसे आगे भी जारी रख सकते हैं। स्कूलों को नई वर्दी का चयन कर शिक्षा निदेशालय को फरवरी माह में ही रिपोर्ट देने को कहा गया था। ऐसे में प्रदेश भर के सभी स्कूलों में नई वर्दी का चयन कर लिया गया है और छात्रों को नए सेशन में नई ड्रेस सिलाने के निर्देश दिए गए हैं। सरकारी स्कूलों के छात्र मई माह से प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर रंग-बिरंगी ड्रेस में नजर आएंगे।
सिलाई का बोझ इस बार अभिभावकों पर
प्रदेश सरकार सरकारी स्कूलों के पहली से आठवीं कक्षा के छात्रों को इस बार वर्दी के 600 रुपए मुहैया करवा रही है। जबकि वर्दी की सिलाई का बोझ इस बार छात्रों के अभिभावकों को ही उठाना पड़ेगा। हालांकि सामान्य वर्ग के लडक़ों को प्रदेश सरकार ने वर्दी के पैसों से भी वंचित कर दिया है। लडक़ों के अभिभावकों को अपने पैसे से ही वर्दी खरीदनी पड़ेगी और सिलाई का खर्च भी खुद ही उठाना पड़ेगा। इससे पूर्व सरकार पहली से आठवीं कक्षा के छात्रों को फ्री में वर्दी मुहैया करवाती थी और सिलाई के भी 200 रुपए अलग से दिए जाते थे। ऐसे में सरकारी स्कूलों के छात्रों के अभिभावकों पर वर्दी का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
+ There are no comments
Add yours