प्रदेश के छावनियों से सरकारी कार्यालयों को बाहर करने की तैयारी

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शिमला, सुरेंद्र राणा: प्रदेश की छह छावनियों के सिविल क्षेत्रों के साथ-साथ अब सरकारी कार्यालयों को भी छावनी क्षेत्रों से बाहर करने की तैयारी है। इसके लिए हाल ही में सरकार ने संबंधित जिले के उपमंडलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि संबंधित छावनी अधिकारियों से बातचीत करें और इसकी रिपोर्ट बनाएं। इसके बाद प्रदेश की छह छावनियों में संबंधित एसडीएम ने निरीक्षण कर लिया है। इन छावनी क्षेत्रों में कई सरकारी कार्यालय हैं, जिनमें लोगों को रोजाना कार्य पड़ते हैं।

जानकारी के अनुसार इनमें पुलिस थाने, चौकियां, स्कूल, जलशक्ति विभाग कार्यालय, एसडीएम ऑफिस, लोक निर्माण विभाग के कार्यालय हैं। तर्क दिया जा रहा है कि जब छावनी क्षेत्रों से लोगों को बाहर कर स्थानीय निकायों में मिलाया जा रहा है तो इन कार्यालयों को भी बाहर किया जाए। हालांकि कुछ छावनियों में अभी तक स्थिति साफ नहीं हो पाई है कि छावनी प्रशासन इन कार्यालयों को बाहर करेंगे या नहीं। छावनी प्रशासन इस बारे में अलग से अपनी रिपोर्ट रक्षा मंत्रालय को भेजेंगे और उसके बाद ही यह तय हो पाएगा कि इसमें रक्षा मंत्रालय क्या मंजूरी देता है।

प्रदेश में छह छावनियों के सिविल क्षेत्रों को स्थानीय निकायों में मिलाने की कवायद चली है। इसमें सोलन जिले की तीन छावनियां डगशाई, सुबाथू और कसौली के अलावा शिमला की जतोग व चंबा की बकलोह और डलहौजी शामिल हैं। जबकि कांगड़ा की योल छावनी के सिविल क्षेत्र को पहले ही बाहर कर दिया गया है।
उपायुक्त को सौंपी रिपोर्टउधर, सोलन जिले की तीन छावनियों के सिविल क्षेत्रों को बाहर करने के लिए उपमंडलाधिकारी ने रिपोर्ट उपायुक्त मनमोहन शर्मा को सौंप दी है। तीन छावनियों के निरीक्षण के बाद उन्होंने यह रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट में उन्होंने छावनी क्षेत्र में आने वाले सरकारी कार्यालयों को स्थानीय पंचायतों में मिलाने की प्रारंभिक रिपोर्ट दे दी है। साथ में यह भी बताया गया कि छावनी में कितना सिविल क्षेत्र है और कौन सी पंचायत में मिलाया जा सकता है। इसके बाद अब उपायुक्त की अध्यक्षता में एक ज्वाइंट कमेटी छावनियों का निरीक्षण करेगी और उसके बाद रिपोर्ट मुख्य सचिव के द्वारा रक्षा मंत्रालय को भेजी जाएगी।

 

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