पंजाब दस्तक, सुरेंद्र राणा: एमएसपी, कर्ज माफी एवं अन्य मांगों को लेकर चल रहे किसान आंदोलन से जहां आम आदमी प्रभावित है। वहीं, पंजाब का उद्योग जगत भी इसकी तपिश से झुलस रहा है। उद्यमियों का दावा है कि आंदोलन के कारण एक तरफ कच्चे माल की सप्लाई चेन प्रभावित हो रही है, वहीं दूसरे राज्यों से खरीदार भी पंजाब का रुख नहीं कर रहे हैं। नतीजतन नए ऑर्डर मिलने में भी दिक्कत आ रही है और पहले से लिए ऑर्डर भी कैंसिल हो रहे हैं।
इस आंदोलन के चलते उद्योगों को अब तक दो हजार करोड़ के नुकसान का अनुमान उद्यमी लगा रहे हैं। इसके अलावा माल भाड़े में भी दस फीसदी तक का इजाफा देखा जा रहा है। उधर, चालू वित्त वर्ष खत्म होने की कगार पर है, ऐसे में उद्यमियों के लिए निर्यात टारगेट को पूरा करना भी टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। उद्यमियों का मानना है कि यदि आंदोलन लंबा चलता है, तो सूबे की इंडस्ट्री बेपटरी हो सकती है। उद्यमियों ने सरकार से भी गुहार लगाई है कि आंदोलन को खत्म कराने के लिए ठोस उपाय किए जाएं।
पंजाब की आर्थिक राजधानी लुधियाना माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज का गढ़ है। यहां पर एक लाख से अधिक छोटी बड़ी औद्योगिक इकाइयां हैं। लुधियाना में प्रमुख तौर पर हौजरी, टेक्सटाइल एवं इंजीनियरिंग उद्योग का दबदबा है। इंजीनियरिंग में सेकेंडरी स्टील निर्माता, साइकिल एवं साइकिल पार्ट्स, हैंड टूल्स, मशीन टूल्स, सिलाई मशीन, फास्टनर, ऑटो पार्ट्स, डीजल इंजन पार्ट्स इत्यादि प्रमुख हैं। होजरी टेक्सटाइल में रेडीमेड गारमेंट्स, स्पीनिंग, डाइंग, निटिंग इत्यादि हैं।
हौजरी उद्योग में सालाना 17 हजार करोड़ का कारोबार हो रहा है, जबकि साइकिल उद्योग में कारोबार करीब दस हजार करोड़ है। इसके अलावा ऑटो पार्ट्स में आठ से दस हजार करोड़ का कारोबार है।
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