पंजाब दस्तक, सुरेंद्र राणा: क्रिप्टोकरेंसी ठगी के मामले में मुख्य आरोपी सुभाष की पंजाब में छह संपत्तियां सीज कर दी गई हैं। प्रदेश पुलिस की एसआईटी ने अन्य दो आरोपी हेमराज और सुखदेव की प्रापर्टी की भी जांच शुरू कर दी है। आरोपियों ने लोगों का पैसा प्रापर्टी बनाने में इस्तेमाल किया है। बैंक खातों की पासबुक और अन्य दस्तावेजों की जांच के बाद यह भी पता चला है कि इनके बैंक खातों में ज्यादा पैसा नहीं है। ठगी कर इकट्ठे पैसे से आरोपी प्रापर्टी खरीदते रहे। पुलिस एसआईटी की ओर से गिरफ्तार दोनों आरोपियों का राजस्व रिकॉर्ड भी खंगाला जा रहा है। पुलिस को अंदेशा है कि क्रिप्टो में निवेश के नाम पर ठगी एक हजार करोड़ रुपये तक की हो सकती है।
ठगी बीते तीन सालों से हो रही है। लोगों का विश्वास हासिल के लिए शुरुआती दौर में निवेशकों को पैसा भी दिया गया है। वर्ष 2021-22 में जब लोगों को पैसा नहीं मिला तो पुलिस को शिकायतें की गईं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की भी आरोपियों पर नजरें थीं। ऐसे में पुलिस इस मामले की जांच करने जुट गई। हालांकि, पुलिस ने लोगों को आगाह करने के लिए बार-बार एडवाइजरी भी जारी की, लेकिन आरोपियों के झांसे में फंसते गए। अब तक जांच में पाया गया है कि आरोपियों पर 400 करोड़ रुपये की देनदारियां हैं। डीआईजी अभिषेक दुल्लर ने बताया कि पंजाब में सुभाष की छह प्रापर्टी सीज कर दी गई हैं। पुलिस मामले में तेजी से आगे बढ़ रही है।
विधानसभा में मामला उठने के बाद तेज हुई जांच
करोड़ों रुपये की ठगी का यह मामला मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में गूंजा। इसके बाद ही उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने डीआईजी अभिषेक दुल्लर की अध्यक्षता में एसआईटी गठित करने की बात कही। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों को पकड़ा और कार्रवाई अमल में लाई।
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