पंजाब, सुरेंद्र राणा: पंजाब सरकार के पंचायतों को भंग करने के फैसले को वापस लेने के बाद IAS अधिकारियों को सस्पेंड करने के मुद्दे पर अकाली दल के नेता बिक्रम मजीठिया ने AAP सरकार को घेरा है। बिक्रम मजीठिया ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा अपनी गलतियों को छिपाने के लिए IAS डीके तिवारी व IAS गुरप्रीत खैहरा को सस्पेंड किया गया है।
बिक्रम मजीठिया ने पंजाब सरकार पंचायतों को भंग करने वाली फाइल का पहला पेज सार्वजनिक नहीं कर रही। इस पहले पेज से साफ हो जाएगा कि यह पूरी प्लानिंग सीएम भगवंत मान और मंत्री लालजीत भुल्लर की थी। अधिकारियों को सस्पेंड करके सिर्फ बलि का बकरा बनाया गया है।
वहीं, बिक्रम मजीठिया ने फाइल के पन्ने दिखाते हुए बताया कि इस फाइल पर सस्पेंड IAS अधिकारी खुद लिख रहे हैं कि पंचायतों को भंग करने के लिए अप्रूवल चाहिए। जिसके बाद बहुत जल्दबाजी करते हुए मंत्री भुल्लर और मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस पर हस्ताक्षर किए हैं।
हाईकोर्ट में 1000 करोड़ का दिया हवाला
मजीठिया ने सरपंचों की तरफ से पिटीशन फाइल करने के बाद उस पर AAP सरकार द्वारा दाखिल जवाब पर भी सवाल खड़े किए। मजीठिया के अनुसार पंजाब सरकार ने कोर्ट में जवाब देते हुए कहा- चुनाव अनाउंस कर दिए हैं और अब ये सरपंच नहीं हैं। जब जवाब मांगा गया कि डेट ऑफ फाइलिंग, वापसी की तारीख आदि क्या है तो पंजाब सरकार ने बैंक में जमा 1000 करोड़ रुपए की बात कही।
AAP सरकार ने कहा- 1000 करोड़ रुपए इन ग्राम पंचायतों के एकाउंट्स में पड़े हैं और इनका गलत इस्तेमाल हो सकता है।
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