पंजाब दस्तक: पाकिस्तान के रावलपिंडी के गुरुघरों में रहने वाले सिखों को वहां के कट्टरपंथियों की ओर से अपना धर्म बदल कर मुसलमान बनने के भेजे जा रहे पत्रों की तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने सख्त शब्दों में निंदा की है।ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि 30-35 साल पहले अफगानिस्तान, काबुल और कंधार में डेढ़ लाख सिख रहते थे, जो वहां गुरुद्वारे की देखभाल करते थे। अब वहां माहौल और बिगड़ गया है।
ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि सिखों से कहा गया है कि या तो वे मुस्लिम बन जाएं या पाकिस्तान छोड़ दें। यह एक बहुत बुरी और मानवता विरोधी कार्रवाई है। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि पाकिस्तान सरकार को सिखों की जान-माल की रक्षा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए। पाकिस्तान सरकार को पाकिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यक सिखों के जीवन और संपत्ति की रक्षा करनी चाहिए।
ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि इससे बुजुर्गों, कारोबारियों और बच्चों में दहशत का माहौल है। धमकी भरे पत्रों के माध्यम से सिखों को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने पाकिस्तान सरकार से इन शरारती तत्वों को गिरफ्तार करने की अपील करते हुए कहा कि इस तरह के पत्रों से दुनिया भर के सिखों में रोष है। पाकिस्तान में चल रहा धमकी भरे पत्र भेजने का यह चलन बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और इसे पाकिस्तान सरकार को इसे बंद करवाना चाहिए।
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