पंजाब दस्तक: रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के शुक्रवार को चार यूक्रेनी क्षेत्रों के रूस में विलय की घोषणा के बाद अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र समेत अन्य देशों ने कड़ी निंदा की। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन के चार इलाकों में कब्जे को लेकर रूस की निंदा के प्रस्ताव पर वोटिंग हुई जिसको रूस ने वीटो कर दिया।
अमेरिका की ओर से लाए गए इस प्रस्ताव का अल्बानिया ने समर्थन किया। इस प्रस्ताव में यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबद्धता को दोहराया। रूस द्वारा वीटो किए जाने के कारण यह प्रस्ताव स्वीकृत नहीं हो सका। 15 देशों की सुरक्षा परिषद में से, 10 देशों ने प्रस्ताव के लिए मतदान किया और चार देशों ने भाग नहीं लिया चीन, भारत, ब्राजील और गैबॉन।
भारत बोला- बैठकर बातचीत से हल निकलना चाहिए
यूएनएससी में संयुक्त राष्ट्र के स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि किसी तरह की बयानबाजी से तनाव बढ़ना किसी के हित में नहीं है। महत्वपूर्ण यह है कि एक साथ बैठकर बातचीत से हल निकलना चाहिए। मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखकर भारत ने इस प्रस्ताव से दूर रहने का फैसला किया है।
आगे उन्होंने कहा कि यूक्रेन में हुए हाल के घटनाक्रम से भारत बहुत परेशान है। हमने हमेशा से कहा है कि बातचीत से हल निकलना चाहिए। साथ ही कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस बात पर जोर दिया है कि यह युद्ध का युग नहीं हो सकता। वहीं भारत की रुचिरा कंबोज के बोलने के दौरान रूस के प्रतिनिधि फोन में कुछ करते दिखाई दिए।
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