संभावना जताई जा रही है कि कांग्रेस बगावत के बाद खाली हुई सीटों पर कांग्रेस भाजपा के ही जनाधार वाले नेताओं को मैदान में उतार सकती है। इनमें सुजानपुर से रंजीत राणा ने बीते विधानसभा में राजेंद्र राणा के खिलाफ चुनाव लड़ा था और महज 399 वोट के अंतर से वह चुनाव हार गए थे, जबकि धर्मशाला में भाजपा ने राकेश चौधरी को मैदान में उतारा था। राकेश चौधरी यहां दूसरे नंबर पर रहे थे। सुधीर शर्मा ने इस चुनाव में 3285 वोट से जीत दर्ज की थी। राकेश चौधरी इससे पहले निर्दलीय भी चुनाव लड़ चुके हैं। तीसरा विधानसभा क्षेत्र लाहुल-स्पीति का है। यहां कांग्रेस की टिकट पर रवि ठाकुर चुनाव जीते थे, लेकिन भाजपा के पूर्व मंत्री डा. रामलाल मार्कंडेय दूसरे स्थान पर रहे थे। मार्कंडेय को 44.32 फीसदी वोट मिले थे और उनकी हार का अंतर 1616 वोट का था।
रवि ठाकुर के भाजपा में शामिल होने के बाद से कांग्रेस यहां मजबूत विकल्प की तलाश में है। मार्कंडेय लाहुल-स्पीति से चुनाव लडऩे का पहले ही ऐलान कर चुके हैं। अब देखना यह है कि इन तीनों सीटों पर कांग्रेस का फैसला क्या रहता है।
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