शिमला, सुरेंद्र राणा:हिमाचल में चुनाव का ऐलान होने के बाद अब प्रदेश के करीब 15 हजार शिक्षक चुनाव ड्यूटी पर जाएंगे। इसके लिए चुनाव आयोग की ओर से गैर शिक्षक कर्मचारियों की तो पहले ही ड्यूटियां लगाई जा चुकी हैं, लेकिन अभी शिक्षकों को चुनावी रिहर्सल के लिए भेजा जाएगा। इसके लिए रोस्टर तैयार किया जा रहा है कि किन स्कूलों के शिक्षक किस-किस पोलिंग बूथ पर ड्यूटी देेंगे। ड्यूटी लगाने से पहले यह भी देखा जाएगा कि जिन स्कूलों में शिक्षकों की संख्या कम है, वहां पर कितने शिक्षकों को चुनावी ड्यूटी पर भेजा जाए, लेकिन इसका सीधा असर बच्चों की पढ़ाई पर पडऩे वाला है। कारण यह कि स्कूलों में नया सत्र शुरू हो गया है।
इन दिनों प्रदेश के स्कूलों में एडमिशन की प्रक्रिया अंतिम चरण में चल रही है, लेकिन शिक्षकों की चुनाव में ड्यूटी लगने से बच्चे सेशन की शुरुआत में पढ़ाई नहीं कर पाएंगे। हर स्कूल से चार से पांच शिक्षकों की इसमें ड्यूटी लगाई गई है। शिक्षक संगठनों का कहना है कि इससे बच्चों की पढ़ाई पर विवरित असर पड़ेगा।
गौर रहे कि हर साल विभागों से जितने कर्मचारी चुनाव ड्यूटी पर जाते हैं, उनमें 70 फीसदी स्टाफ शिक्षा विभाग से ही होता है। ऐसे में यह साफ है कि दो माह शिक्षक चुनाव ड्यूटी में व्यस्त रहेंगे। हरीश कुमार, अतिरिक्त निदेशक, उच्च शिक्षा विभाग ने बताया कि जो शिक्षक और कर्मचारी चुनावी ड्यूटी पर जाएंगे, उनके बदले में वैकल्पिक स्टाफ के पास पढ़ाई का जिम्मा होगा। इससे बच्चों की पढ़ाई किसी भी तरीके से प्रभावित नहीं होगी।
सेशन की शुरुआत में स्कूलों में ये काम अहम
स्कूलों में सेशन की शुरुआत में किताबों के आबंटन से पहले बच्चों को कक्षाओं में एनरोलमेंट का काम रहता है। साथ ही स्कूलों में इस साल वर्दी का रंग भी तय होना है, जो स्कूल अपने लेवल पर तय करेंगे। ऐसे में पीटीए करवाने से लेकर हर तरह के काम स्कूल स्तर पर ही होने हैं, लेकिन ये सभी काम अभी चुनाव के चलते देरी से ही हो पाएंगे। एक तरफ शिक्षक चुनाव ड्यूटी पर जाएंगे, तो दूसरी तरफ स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई पर भी इसका असर पड़ेगा।
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