पंजाब, सुरेंद्र राणा: देश में गणतंत्र दिवस के मौके पर होने वाली परेड में प्रदेश की झांकियों की परंपरा शुरू से चल रही है। इसमें 15 से 16 प्रदेशों और चार से पांच केंद्रीय शासित प्रदेशों की झांकियां प्रदर्शित की जाती हैं। इसको लेकर पंजाब में राजनीति हो रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
इसको लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रेसवार्ता की थी और भाजपा के प्रदेश प्रधान ने भी मीडिया को इस बाबत कुछ कहा था, लेकिन मैं इन बातों में नहीं जाता। यह बात केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत ने कहा। वे शनिवार को बठिंडा के एम्स में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
दस लोगों की बनी हुई है कमेटी
भगवंत मान द्वारा केंद्र सरकार पर पंजाब की झांकी को शामिल न करने के लगाए आरोप के बारे में शेखावत ने कहा कि तकनीकी रूप से जितनी झांकियां प्रस्तुति के लिए वहां पर आती हैं, इनके चयन के लिए एक विधि होती है। दस लोगों की एक कमेटी बनी हुई है। इनमें संगीतकार या कला से संबंधित होते हैं और उनके अलावा कुछ सरकारी अधिकारी होते हैं। वे देखते हैं कि किस राज्य से कैसी झांकी आई है। कमेटी सदस्य ही इनको देखकर चयनित करते हैं।
इस कमेटी में सरकार की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई दखलअंदाजी नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले दस वर्षों में सात बार पंजाब की झांकियां शामिल की गई हैं। मेरे प्रदेश को इन वर्षों में सिर्फ तीन बार झांकियां प्रस्तुत करने का मौका मिला है। इस पर राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण है।
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