Monday, May 20, 2024
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Air Pollution: घर के अंदर के प्रदूषण से बचने को लोग छोटे-छोटे पौधों का ले रहे सहारा, नर्सरियों में बढ़ी मांग

दिल्ली: दिल्ली में वाहनों, फैक्ट्रियों व पराली के धुएं से हवा जहरीली हो गई है। वातावरण में दूषित हवा शरीर के लिए काफी हानिकारक है। ऐसे में लोग घर के अंदर कुछ पौधे रखकर हवा को साफ कर रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, वातावरण प्रदूषित होता है तो स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। ऐसे में यह पौधे घर के अंदर प्रदूषण की रोकथाम में मददगार हैं।

विशेषज्ञ कहते हैं कि स्नेक प्लांट इंडोर प्लांट है। यह पौधा कम पानी लेता है और बिल्कुल कम देखरेख में विकास करता है। इसकी सबसे अधिक मांग होती है। हफ्ते में दो बार पानी देने और 15 दिन में एक बार पौधे की सफाई करनी होती है।पौधों को खरीदने के लिए दूर-दूर से आ रहे लोगआईटीओ स्थित दिल्ली पर्यावरण विभाग की नर्सरी में लोग दूर-दूर से पौधों खरीदने पहुंच रहे हैं। उसमें भी इंडोर पौधों लेने वालों की अधिक संख्या है।

रोहिणी से पौधे खरीदने आए रोहित ने बताया कि प्रदूषण का असर घर पर भी देखने को मिल रहा है। घर में बुजुर्ग माता-पिता हैं, जिससे उन्हें प्रदूषण से बचाना बहुत जरूरी है। वह कहते हैं कि उन्हें सोशल मीडिया में कुछ पौधों के बारे में जानकारी मिली थी, ऐसे में वह इन्हें खरीदने पहुंचे। उस्मानपुर से दोस्तों के साथ पहुंचे मनजीत ने कहा कि प्रदूषण काफी बढ़ गया है। ऐसे में वह इंडोर पौधों को लेने आए हैं। वह कहते हैं कि इन पौधों से कुछ हद तक प्रदूषण से निपटने में मदद मिलती है।

इन पौधों की बढ़ी मांगस्नेक प्लांट- यह पौधा घर के अंदर मौजूद जहरीली गैसों नाइट्रोजन ऑक्साइड और फार्मेल्डिहाइड को सोखता है। इसे सजावट के रूप में भी रखते हैं।पीस लिली प्लांट- यह पौधा वातावरण से जाइलीन, बेंजीन, अमोनिया, फार्मोल्डिहाइड व ट्रिकलोरोएइथीन को दूर करने में सबसे कारगर है।स्पाइडर प्लांट- घर के अंदर लगने वाला यह पौधा दो दिन के भीतर वातावरण में एलर्जी फैलाने वाले तत्वों कोे 90 फीसदी तक दूर करता है। पौधा विशेष रखरखाव नहीं मांगता। वातावरण से बेंजीन, फार्मोल्डिहाइड व कार्बन डाई ऑक्साइड को सोखकर ऑक्सीजन देता है।एरिका पाम- यह पौधा वायु को स्वच्छ करने में सर्वोत्तम पौधों की श्रेणी में आता है। इसे घर के अंदर व आसपास लगाने से कमरों के अंदर की वायु शुद्ध होती रहती है।बैंबू पाम- यह पौधा फार्मेल्डिहाईड जैसी जहरीली गैस को सोख लेता है। इसके साथ ही यह पौधा प्राकृतिक रूप से नमी के अवशोषक के रूप में भी कार्य करता है।

जरबेरा डेजी- पीले रंग के फूलों वाला पौधा घरों के अंदर मौजूद बैंजीन गैस का असर काफी हद तक दूर करता है। कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करता है। यह रात में अधिक ऑक्सीजन उत्सर्जित करता है।अधिक देखरेख करने की जरूरत नहीं होतीनर्सरियों में इन दिनों इंडोर पौधे लेने वालों का तांता लगा है। दिल्ली पर्यावरण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बीते 10 दिन में ही पौधे लेने वालों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है। वह कहते हैं कि पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार पौधे लेने वालों की संख्या दोगुना बढ़ गई है। यहां प्रति व्यक्ति को निशुल्क 10 पौधे दिए जाते हैं। सबसे अधिक लोग इंडोर पौधों को लेना पसंद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन पौधों की अधिक देखरेख करने की भी जरूरत नहीं होती है। वह इसके पीछे की वजह इन पौधों की सुंदरता और प्रदूषण के कण सोखना बताते हैं।स्नेक प्लांट, एरिका पॉम, स्पाइडर प्लांट समेत कई ऐसे पौधे हैं जो काफी मात्रा में ऑक्सीजन उत्सर्जन करते हैं। ये पौधे पर्यावरण से कार्बन डाई ऑक्साइड व अन्य विषैली गैसों को तेजी से सोखकर जीवनदायिनी ऑक्सीजन देते हैं। कम देखरेख में आसानी से ये पौधे विकसित होते हैं। -डॉ. अजय कौशिक, डिप्टी डायरेक्टर, हॉर्टिकल्चर दिल्ली टूरिज्म

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