शिमला, सुरेंद्र राणा: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में राष्ट्रीय आपदा पर तीन दिन की तपिश के बाद आज आवारा पशुओं का मामला सदन में गूंजेगा। कांग्रेस विधायक भवानी सिंह पठानिया ने पशुओं को बेसहारा छोड़ने के मसले पर सदन से चर्चा की मांग कर रखी है।
भवानी पठानिया पालतू मवेशी को छोड़ने को संगीन जुर्म बनाने व इसके लिए जुर्माने के साथ साथ एक से तीन साल तक की सजा का प्रावधान करने के लिए सदन से नीति बनाने की मांग करेंगे।
प्रदेश में आवारा पशुओं की समस्या दिनों दिन विकराल होती जा रही है। लोग अपने पालतू मवेशियों को आवारा छोड़ देते हैं। इससे कई बार मवेशी सड़क दुर्घटना का भी कारण बनता हैं और किसानों की लाखों रुपए की नगदी फसलें भी चौपट कर जाते है। कई क्षेत्रों में तो लोगों ने इनके डर से खेतीबाड़ी करना ही छोड़ दिया है।
टैगिंग से भी नहीं हो रहा समस्या का समाधान
हालांकि इस समस्या के लिए पशुपालन विभाग पशुओं की टैगिंग करता है। बावजूद इसके लोग मवेशी को आवारा छोड़ देते है, क्योंकि ऐसे लोगों को सजा देने का प्रावधान नहीं है। ऐसे में आज सदन में इस पर विचार विमर्श के बाद कार्रवाई के प्रावधान को कानून या नीति बनाने पर विचार होगा।
प्रश्नकाल में आमने-सामने आ सकते हैं सत्ता पक्ष व विपक्ष
इससे पहले मानसून सत्र के चौथे दिन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू होगी। ज्यादातर सवाल आज लोक निर्माण विभाग, नेशनल हाईवे, शिक्षा विभाग से जुड़े पूछे गए हैं। इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के विपक्ष कई सवालों को लेकर आमने-सामने आ सकते हैं। प्रश्नकाल के बाद कुछ दस्तावेज और विधायक कार्य होंगे। इसके बाद सदन में विधेयक चर्चा को लाए जाएंगे।