प्रियंका गांधी ने शिमला में किया आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा, नुकसान का लिया जायजा , प्रभावित परिवारो से की मुलाकात, केंद्र से हिमाचल को आपदा राज्य घोषित करने की उठाई मांग

शिमला, सुरेंद्र राणा: कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा इन दोनों हिमाचल दौरे पर हैं और आपदा प्रभावित क्षेत्रो का दौरा कर रही है। बीते दिन कुल्लू मंडी का दौरा करने के बाद आज प्रियंका गांधी शिव बावड़ी समरहिल पहुंची जहां पर नुकसान का जायजा लिया ओर प्रभवित परिवारों से मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री, मंत्री अनिरुद्ध सिंह हर्ष वर्धन ओर मंत्री धनीराम शांडिल कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह मौजूद रही। शिव मंदिर में 14 अगस्त को लैंडस्लाइड होने से 20 लोगो की मौत हुई थी। इसके बाद प्रियंका गांधी कृष्णा नगर पहुंची और वहां के हालातों का जायजा लिया।

इस दौरान प्रियंका गांधी ने कहा की हिमाचल में बरसात में भारी नुकसान हुआ जिससे काफी दर्दनाक स्थिति बनी है। पहली बार इस तरह का नुकसान देखने को मिला है कई लोगों के घर ढह गए हैं और सड़के बह गई हैं। मनाली कुल्लू में ज्यादा नुकसान हुआ है। बीते दिन वहां पर जायजा लिया था इस आपदा की घड़ी में मुख्यमंत्री सहित मंत्री काम कर रहे हैं और प्रभावितों की मदद करने में जुड़े हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से हिमाचल को जल्द से जल्द राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की और कहा कि यदि इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाता है तो प्रदेश को काफी फायदा होगा और प्रभावितों को मदद हो सकेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार यह नहीं समझ पा रही है कि हिमाचल प्रदेश में कितना नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि मालूम नही है की संसद के विशेष सत्र का मुद्दा क्या है लेकिन जो भी हो सदन में भी इस मुद्दे को उठाया जाएगा। वहीं सेब पर इंपोर्ट ड्यूटी कम करने पर भी प्रियंका ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हिमाचल पहले ही आपदा से जूझ रहा है और यहां पर सेब काफी ज्यादा होता है केंद्र सरकार ने इंपोर्ट ड्यूटी कम कर दी है जो की दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में इस आपदा की घड़ी में राजनीति नहीं की जानी चाहिए । यह नहीं देखा जाना चाहिए कि राज्य में किसकी सरकार है इस तरह की आपदा पहली बार देखने में आई है लोग परेशान है उनकी मदद करने के लिए सबको आगे आना चाहिए और इसका राजनीतिकरण बिल्कुल नहीं होना चाहिए। केंद्र सरकार को भी इस बात को समझना चाहिए।

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