पंजाब दस्तक (सुरेंद्र राणा); कांग्रेस नेताओं के असंतुष्ट ग्रुप जी-23 समूह के सदस्य गुलाम नबी आजाद आजकल जम्मू कश्मीर में लगातार रैली कर रहे हैं। उनकी सभाओं में अच्छी खासी भीड़ भी जमा हो रही है। रैली में काफी अच्छी संख्या में लोगों के आने से उत्साहित गुलाम नबी आजाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर खूब बरसे। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अब कोई आलोचना नहीं सुनना चाहता है और बोलने पर दरकिनार कर दिया जाता है।
जम्मू कश्मीर के रामबन में आयोजित जनसभा को संबोधित करने के बाद समाचार चैनल एनडीटीवी से बात करते हुए कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कोई भी नेतृत्व को चुनौती नहीं दे रहा है। जब चीजें सही नहीं थी तब शायद इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने मुझे बहुत अधिक स्वतंत्रता दी थी। वे आलोचनाओं का कभी बुरा नहीं मानते। वे इसे आक्रामक रूप में भी नहीं देखते लेकिन आज का नेतृत्व इसे आक्रामक रवैये के रूप में देखता है।
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने यह भी कहा कि एक बार इंदिरा गांधी ने दो लोगों को यूथ कांग्रेस के महासचिव के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की थी और उन्होंने इससे मना कर दिया था। इसपर इंदिरा गांधी ने उनकी हौसला अफजाई की थी। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि जब राजीव गांधी राजनीति में आए तो इंदिरा गांधी ने हम दोनों को बुलाया और राजीव गांधी से कहा कि गुलाम नबी मुझे भी ना कह सकते हैं। लेकिन इनके ना का मतलब अवहेलना या अपमान नहीं है। बल्कि पार्टी की भलाई के लिए है। लेकिन आज कोई ना सुनने के लिए तैयार नहीं है, ना कहने पर पार्टी से दरकिनार कर दिया जाता है।
इसके अलावा उन्होंने कांग्रेस से अलग होकर अपनी पार्टी बनाने के सवाल पर कहा कि वह अपनी पार्टी नहीं बना रहे हैं। गुलाम नबी ने कहा कि राजनीति में कोई यह नहीं कह सकता है कि आगे क्या होगा, यह ठीक वैसे ही है जैसे कोई यह नहीं जानता है कि कब उसकी मौत होगी। राजनीति में कोई आगे की भविष्यवाणी नहीं कर सकता है लेकिन मेरे पास पार्टी बनाने का कोई इरादा नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि वह राजनीति छोड़ना चाहते थे लेकिन लाखों समर्थकों के जुनून को देखते हुए उन्होंने इसे जारी रखने का फैसला किया।