पंजाब दस्तक, सुरेंद्र राणा: पंजाब के 16 किसान संगठन अपनी मांगों को लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। पिछले दिनों इन्हीं 16 संगठनों ने 21 अगस्त को चंडीगढ़ कूच किया था। जिसे विफल करने के लिए पंजाब सरकार ने कई किसान नेताओं को जहां घरों में ही नजरबंद कर दिया.
रेल रोको आंदोलन को लेकर आज चंडीगढ़ में पूरी रणनीति बनाई गई और आंदोलन की रुपरेखा भी तय की गई। इसके लिए लिए आज 16 किसान संगठनों के पदाधिकारी इकट्ठे होकर संयुक्त रूप से आंदोलन को लेकर 23 सितंबर को फिर से एक मीटिंग बुलाने का फैसला लिया है।। 23 सितंबर को होने वाली मीटिंग में तय किया जाएगा कि पंजाब में कौन-कौन से रेलवे ट्रैक बंद कर उन पर धरने लगाए जाएंगे।
किसानों का आरोप है कि सरकार चाहे केंद्र की हो या पंजाब की दोनों ही अपने किए गए वादों से मुकर रही हैं। न किसानों के आंदोलन के दौरान दर्ज केस वापस हुए और न ही अन्य मानी गई मांगों पर आदेश जारी हुई।
स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू की जाए.
किसानों की मांग है कि खेत मजदूरों के पूर्ण ऋण माफ किए जाएं, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू की जाए। इसके अलावा आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिजनों को मुआवजा एवं नौकरी दी जाए। बाढ़-बरसात में किसानों को जो नुकसान हुआ है उसका मुआवजा दिया जाए। केंद्र सरकार 50 हजार करोड़ की राहत राशि पंजाब के लिए जारी करे।
किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार एमएसपी गारंटी कानून बनाने, मनरेगा के तहत हर साल 200 दिन का रोजगार देना सुनिश्चित करे। बता दें कि किसानों ने पहले भी चंडीगढ़ कूच किया था। लेकिन पुलिस वे बहुत सारे किसानों तो गिरफ्तार कर लिया था। संघर्ष के दौरान एक किसान की मौत भी हो गई थी।
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