शिमला, सुरेंद्र राणा: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के करीब 150 साल पुरानी धरोहर भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान (एडवांस स्टडी) परिसर का जायजा लेने शनिवार को संस्थान के निदेशक प्रो. नागेश्वर राव शिमला पहुंचे। उन्होंने कहा कि 14 अगस्त को भारी बारिश से परिसर में दरारें आईं और डंगा ढहा, लेकिन मुख्य भवन पूरी तरह सुरक्षित है।
उन्होंने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के अधिकारियों और संस्थान के सचिव मेहर चंद नेगी व अन्य अधिकारियों के साथ परिसर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने भवन के सामने धंसे मैदान के हिस्से और इसमें आईं दरारों, बैक लॉन में भूस्खलन से टूटी दीवार और क्षतिग्रस्त हुए स्थानों का बारीकी से जायजा लिया।
उन्होंने परिसर को बचाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। प्रो. राव ने कहा कि भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान की ऐतिहासिक मुख्य इमारत पूर्णत: सुरक्षित है। इसको कोई खतरा नहीं है। परिसर में आईं दरारों के बाद उपायुक्त, नगर निगम आयुक्त और मेयर ने परिसर का निरीक्षण कर जायजा लिया है।
एडवांस्ड स्टडी का भूवैज्ञानिक करेंगे अध्ययन
भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान परिसर के बैक लॉन से हुए भूस्खलन से संस्थान के पूर्वी उत्तर भाग में दरारें और डंगा धंसने के पैदा हुए खतरे को देखते हुए राज्य भूवैज्ञानिक टीम निरीक्षण करेगी। उपायुक्त आदित्य नेगी ने राज्य भूवैज्ञानिक को पत्र लिखकर संस्थान का दौरा कर इसकी रिपोर्ट कार्यालय भेजने को कहा है। 19 अगस्त को उपायुक्त ने इस संदर्भ में राज्य भूवैज्ञानिक को इस संदर्भ में पत्र लिखा है। उपायुक्त ने कहा कि संस्थान के पास भूस्खलन की आशंका है। इससे नीचे की ओर रह रही आबादी और राहगीरों के लिए खतरा हो सकता है।
उन्होंने परिसर को बचाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। प्रो. राव ने कहा कि भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान की ऐतिहासिक मुख्य इमारत पूर्णत: सुरक्षित है। इसको कोई खतरा नहीं है। परिसर में आईं दरारों के बाद उपायुक्त, नगर निगम आयुक्त और मेयर ने परिसर का निरीक्षण कर जायजा लिया है।
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